नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 24 जून से आठ जुलाई के बीच कोरोनावायरस संक्रमण से कुल 691 लोगों की मौत हुई, जो इस अवधि के दौरान औसतन 46 मौत प्रतिदिन है। इन सभी मौतों का अध्ययन और विश्लेषण दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के कारण होने वाली मौतों का अध्ययन करने का निर्देश दिया था, ताकि यह समझा जा सके कि मौतों को और कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने कहा, इस अध्ययन के दौरान पता चला कि पिछले कुछ दिनों में, प्रतिदिन हो रही मौतों की संख्या में कमी आई है। जून के मध्य में प्रतिदिन सबसे अधिक 101 मौतें हुईं, पिछले एक पखवाड़े से मौतें घट कर एक दिन में लगभग 46 पर आ गई हैं, जो एक महत्वपूर्ण सुधार की ओर इंगित कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, जून में दिल्ली की कुल मृत्यु दर 3.64 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गई है। यद्यपि एक दिन का औसत लगभग 2.5 तक कम हो गया है, साथ ही प्रतिदिन मौतों की संख्या औसतन 50 से कम हुई है और पिछले पखवाड़े में प्रतिदिन करीब 2000 नए केस आए हैं।
कुल 691 मौतों में से केवल सात मौतें होम आइसोलेशन (24 जून से 30 जून के बीच) में हुईं। होम आइसोलेशन के तहत किसी भी मरीज की जुलाई में मौत नहीं हुई है। दिल्ली सरकार ने कहा, इसका श्रेय मुख्यमंत्री द्वारा होम आइसोलेशन के तहत सभी मरीजों को ऑक्सीमीटर वितरित करने के निर्णय को दिया जा सकता है। यह ऑक्सीमीटर मरीजों में ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बारे सचेत करता है, जो बिगड़ते स्वास्थ्य का एक शुरुआती संकेत है।
केंद्र सरकार की पॉल समिति के अनुसार, भारत में 45 प्रतिशत मौतें पहले 48 घंटों के दौरान होती हैं। दिल्ली में यह 15 प्रतिशत पर आ गया है। दिल्ली सरकार ने कोरोना रिकवरी में आई वृद्धि का श्रेय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिया है। दिल्ली सरकार ने कहा, सीएम ने गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 6 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रक्रियाओं और सिस्टम में सुधार करने की योजना शुरू की थी। इसके परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं।