Highlights
- दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 366 नये मामले सामने आये, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 3.95 प्रतिशत पर पहुंच गई।
- दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 9,735 बिस्तरें हैं और उनमें से 51 (0.52 प्रतिशत) अभी भरे हुए हैं।
नयी दिल्ली: दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 366 नये मामले सामने आये, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 3.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। शहर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किये गये आंकड़ों से यह जानकारी मिली। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है। विभाग की बुलेटिन के मुताबिक, शहर में कोविड के कुल 685 मरीज अपने घरों पर पृथक-वास में हैं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 9,735 बिस्तरें हैं और उनमें से 51 (0.52 प्रतिशत) अभी भरे हुए हैं।
दिल्ली में और स्कूलों में बच्चे पाए गए संक्रमित
बता दें कि दिल्ली में गुरुवार को संक्रमण के 325 नये मामले सामने आये थे, जबकि एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। वहीं, संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत रही थी। बुधवार को, कोविड के 299 मामले सामने आये थे और संक्रमण दर 2.49 प्रतिशत रही थी। इस बीच दिल्ली में और भी स्कूली छात्रों के शुक्रवार को संक्रमित होने के बाद अभिभावकों में चिंता बढ़ गई। हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूल प्रशासन को जरूरत पड़ने पर खास हिस्सा या कक्षाओं को बंद करने को कहा है। आंबेडकर जयंती, गुड फ्राइडे के बाद सप्ताहांत पड़ने के चलते दिल्ली में स्कूलों में 4 दिनों तक अवकाश है।
20 अप्रैल को बुलाई गई है DDMA की बैठक
शहर के 2 बड़े स्कूलों ने यह पुष्टि की है कि उनमें से प्रत्येक को अभिभावकों से यह सूचना मिली है कि उनके बच्चों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि स्कूलों या कक्षाओं के जिस हिस्से में कोविड-19 के मामले सामने आयें, उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थितियों में समूचे स्कूल को बंद किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की 20 अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई है।
स्कूलों के फिर से बंद होने की संभावना बढ़ी
दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक शीर्ष निजी स्कूल के कम से कम 5 छात्र और अध्यापक पिछले हफ्ते कोराना वायरस से संक्रमित हो गये, जिससे अभिभावकों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। साथ ही, स्कूलों के फिर से बंद होने की संभावना भी बढ़ गई है। कोविड महामारी के चलते दो साल के अंतराल के बाद ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं पूरी तरह से फिर से शुरू होने के कुछ ही हफ्तों के अंदर स्कूलों में संक्रमण के मामले बढ़ने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है। पड़ोसी नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में कोविड के नये मामले आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के निजी स्कूलों में भी संक्रमण के नये मामले सामने आये हैं।
‘हमने स्कूलों को बंद करने को नहीं कहा है’
सिसोदिया ने कहा, ‘हमने उनसे स्कूलों को बंद करने को नहीं कहा है। हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि किसी खास हिस्से या कक्षा को अस्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए, जहां कोई व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो। स्कूल उन विशेष परिस्थितियों में पूरे परिसर को बंद करने का फैसला ले सकते हैं जिनमें संक्रमित विद्यार्थी या अध्यापक स्कूल के कई हिस्सों से हों। हमने इसे विकेंद्रीकृत कर दिया है।’ शिक्षा निदेशालय ने 13 अप्रैल को कोविड पर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को एक नया परामर्श जारी कर उन्हें निर्देश दिया कि यदि किसी छात्र या अध्यापक के संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो पूरे परिसर या खास हिस्से को बंद कर दिया जाए।