नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में कोरोना के 2137 मरीज सामने आए। एक दिन में सामने आए मामलों की बात करें तो यह अबतक की सर्वाधिक संख्या है। शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना से 71 लोगों की मौत हुई और 667 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
शुक्रवार को 2137 नए मरीज सामने आने के बाद दिल्ली में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 36,824 हो गए हैं। इन मामलों में से 1214 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13,398 लोग इस बीमारी को मात देने के बाद ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं।
LG ने दिल्ली में कोविड-19 से निपटने के वास्ते सुझाव देने के लिए समिति का गठन किया
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी से निपटने के वास्ते सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का शुक्रवार को गठन किया। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव को भी शामिल किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बैजल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष हैं।
भार्गव के अलावा इस छह सदस्यीय समिति में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स और कमल किशोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया, डीजीएचएस के अतिरिक्त डीडीजी डा.रवींद्रन और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक सुरजीत कुमार सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने और दिल्ली में कोविड-19 स्थिति पर दोनों नेताओं के चर्चा करने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है। दिल्ली में अब तक कोविड-19 के 34,867 मामले सामने आये है और बृहस्पतिवार को इस महामारी के 1,877 मामले सामने आये थे।
एक सूत्र ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति कोविड-19 प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर डीडीएमए को सलाह देगी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह एक ‘‘युद्ध जैसी स्थिति’’ है और शहर सरकार बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए अधिक डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।
इसके बाद उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि समिति देश और दुनियाभर से सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों के उदाहरण भी उपलब्ध करायेगी। केजरीवाल ने हाल में दावा किया था कि यदि इलाज के लिए अन्य राज्यों के लोग राष्ट्रीय राजधानी में आना शुरू करते हैं तो दिल्ली को 31 जुलाई तक 1.5 लाख बिस्तरों की जरूरत होगी।
उपराज्यपाल द्वारा गठित एक अन्य समिति ने मामलों के बढ़ने की स्थिति में प्रगति मैदान, तालकटोरा स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम का अस्थायी कोविड-19 परिसरों के रूप में इस्तेमाल किये जाने की सलाह दी है। समिति ने इस उद्देश्य के लिए त्यागराज इंडोर स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम का इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया है।
With inputs from Bhasha