नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 224 और मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 6,542 हो गयी है। दिल्ली सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया कि यहां वायरस से कोई नई मौत नहीं हुई। दिल्ली में अबतक कोविड-19 के 68 मरीजों की जान चली गयी है। स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में 4,454 मरीज अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं जबकि 2020 मरीज स्वस्थ हो गये हैं।
हालांकि, दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के मामलों को लेकर भ्रम की स्थिति है क्योंकि सरकार ने मृतकों की संख्या 68 बताई है जबकि कोरोना का इलाज कर रहे कई अस्पतालों (कोविड-19 समर्पित) के डॉक्टर्स का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण से होने वालों मौतों की संख्या ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई गई मृतकों की संख्या की तुलना में यहां कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या ज्यादा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी के शर्मा के अनुसार आंकड़ों में भिन्नता इसलिए हो सकती है क्योंकि सरकार केवल ट्रॉमा सेंटर में होने वाली मौतों की ही गिनती कर रही है जिसे समर्पित कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और उसने झज्जर प्रतिष्ठान में हुई मौतों का संज्ञान नहीं लिया है।
वहीं, सफदरजंग अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘वे (हमसे) डेटा मांग रहे हैं। हमने उनसे कहा है कि हम नियमित रूप से भेज रहे हैं, आप आंकड़ों को ठीक करें। हमें कोई कारण दिखाई नहीं देता कि गलत आंकड़े क्यों दिखाए जा रहे हैं।’’
राम मनोहर लोहिया अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम उन्हें (सरकार) नियमित तौर पर डेटा भेज रहे हैं और ठीक आंकड़े भेज रहे हैं। इन्हें सूची में शामिल करना उनपर (सरकार पर) निर्भर है। हमारी समझ में नहीं आ रहा कि वे गलत आंकड़े क्यों दिखा रहे हैं।’’
हालांकि, कोरोना वायरस से मौत के मामलों की संख्या में अंतर होने की बात पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार आंकड़े नहीं छिपा रही है।
(इनपुट- भाषा)