दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के ताजा समन का जवाब देते हुए कहा था कि वह 12 मार्च के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एजेंसी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। सूत्रों की मानें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केजरीवाल से पूछताछ के लिए एजेंसी तैयार नहीं है। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल से ईडी फिजिकली पूछताछ करना चाहती है। इससे पहले मुख्यमंत्री को 8 बार ईडी द्वारा समन जारी किया जा चुका है, लेकिन केजरीवाल एक भी बार ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ का कोई भी प्रावधान नहीं है।
केजरीवाल के पेशी पर भाजपा का कटाक्ष
इस मामले पर भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल बेतुका है कि जिस व्यक्ति पर शराब घोटाले का मास्टरमाइंड होने का गंभीर आरोप है, अब वह तय करेगा कि वह कब पेश होगा। केजरीवाल जिस तरह से ईडी के सामने पेश होने की बात कह रहे हैं, कानून में ऐसा कभी सुना नहीं गया है। जब अन्ना हजारे के संरक्षण में अरविंद केजरीवाल थे, तो वो कहते थे कि पहले इस्तीफा फिर जांच की जाए। लेकिन आज वो इस्तीफा देना तो भूल जाइए, जांच में भी कोई सहयोग नहीं दे रहे हैं, क्योंकि वो लालू यादव के संरक्षण में हैं।
भाजपा ने कहा- केजरीवाल बना रहे बहाना
शहजाद पूनावाल ने कहाकि जब से समन जारी हुआ है, केजरीवाल द्वारा बहाने बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बदले की राजनीति है। अगर ऐसा है तो कोर्ट ने समन को रद्द या स्टे क्यों नहीं किया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को राहत क्यों नहीं दी। संजय सिंह और विजय नायर को क्योंकि राहत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कह रही है कि अरविंद केजरीवाल घोटाले में शामिल हैं और उन्हें जवाब देना चाहिए। लेकिन केजरीवाल एबीसीडी कर रहे हैं। ए का मतलब समन से से बचें, बी का मतलब समन से भाग जाओ, सी का मतलब समन समन को कवर करो और डी का मतलब समन को डायवर्ट करो।