नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह पेपरलेस होगी। सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज केवल अब ई-पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएंगे। विधानसभा के हर एक सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज सदन में रखे जाते हैं जो अब केवल सॉ़फ्ट-कॉपी के रूप में ही रखे जाएंगे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधानसभा को पेपरलैस बनाना दिल्ली विधानसभा को स्मार्ट बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में रोजाना हजारों पेपर का इस्तेमाल होता है लेकिन हमारे इस प्रयास से सदन में न केवल पेपर की बचत होगी बल्कि सदन की दक्षता बढ़ने के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
सरकार के इस कदम से सालाना न केवल लाखों कागजों की बचत होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ये एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। दिल्ली विधानसभा को डिजिटल बनाने की इस मुहिम के तहत सभी 70 विधायकों को सरकार की ओर से टेबलेट दिए जाएंगे और विधायक सदन से जुड़े सभी दस्तावेजों को इस टेबलेट पर प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार का कहना है कि विधानसभा को पेपरलैस करने के कई फायदे हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए हर साल लाखों पेपर की बचत, ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के जरिय सवालों का हो सकेगा डिजिटल सबमिशन और विधानसभा में पूछे गए सवाल ऑनलाइन ट्रैकिंग की हो सकेगी।
इसके अलावा विधायकों को बिलों से जुडी सभी जानकारियां ऑनलाइन मिलेगी। सदन के काम ऑनलाइन मोनिटरिंग की हो सकेगी। सरकार का कहना है कि इससे विधायकों की दक्षता में होगा इजाफा, समय की होगी बचत, विधायकों के उपस्थिति को भी ट्रैक किया जाएगा। साथ ही इमरजेंसी की स्थिति में वर्चुअल लेजिस्लेटिव असेम्बली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो सकेगा।
(इनपुट- एजेंसी)