
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ढींगरा ने याचिका में कहा है कि AAP जहाँ महिला वोटरों को लुभाने के लिए 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान' योजना के तहत 2100 रुपये प्रति महीना देने का वायदा कर रही है, वही उसकी ही तर्ज पर BJP 'महिला समृद्धि योजना' के नाम पर और कांग्रेस 'प्यारी दीदी योजना' के नाम पर 2500 प्रति महीना देने का वायदा कर रही है।
याचिका के मुताबिक मुफ्त सुविधा देने की एवज में दिल्ली में वोटरों का निजी डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। तीनों राजनीतिक दलों की ओर से की जा रही ये घोषणाएं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सीधे सीधे 'करप्ट प्रैक्टिस' के दायरे में आती है क्योंकि यहां रिश्वत का चुनावी वायदा कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की जा रही है।
चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग
जस्टिस एस एन ढींगरा अपनी याचिका में मांग की है कि दिल्ली हाईकोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप, बीजेपी और कांग्रेस के मतदाताओं को लुभाने के भ्रष्ट आचरण की जांच करें। राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं के निजी डेटा की जानकारी जुटाने से रोका जाए। उन्हें निर्देश दिया जाए कि चुनाव के दौरान इकट्ठा किए इस डेटा को किसी तीसरे पक्ष को शेयर न करें। पार्टियों की ओर से इस तरह कैश देकर वोट पाने की इन स्कीम को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत हो कार्रवाई
हाईकोर्ट चुनावआयोग को निर्देश दे कि वो दिल्ली में स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और चुनाव नियमों की अनदेखी को रोकने के लिए अपनी व्यवस्था को और मजबूत करें। जो भी दोषी पाएं जाएं, उनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई की जाए।
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