नई दिल्लीः दिल्ली मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने अलका लांबा को आतिशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर अलका के नाम की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने अलका लांबा को कालकाजी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है। मौजूदा समय में आतिशी कालकाजी से विधायक हैं। वह पार्टी की प्रमुख महिला चेहरा हैं।
कांग्रेस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय चुनाव समिति ने 51-कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधान सभा के आगामी आम चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अलका लांबा की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है। अलका लांबा ने नए साल पर कालकाजी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद से ही अटकलें लगने लगी थी कि वह यहां से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
टिकट मिलने पर क्या बोलीं अलका
टिकट मिलने पर अलका लांबा ने पार्टी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि मैं चौथी बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हूं। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई प्रदूषित हवा, प्रदूषित यमुना और अपराध के खिलाफ है।
कौंन हैं अलका लांबा
कालकाजी से टिकट पाने वाली अलका लांबा कांग्रेस की सीनियर नेता हैं और वह मौजूदा समय में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं। वह कांग्रेस वर्किंग कमेटी की भी सदस्य हैं। वह पूर्व में कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक भी रह चुकी हैं। उन्होंने अपना करियर एक छात्र नेता के रूप में शुरू किया और 1995 में एनएसयूआई उम्मीदवार के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष के रूप में चुनी गईं।
चांदनी चौक से कांग्रेस ने इस बार नहीं दिया टिकट
बता दें कि अलका लांबा ने 2014 में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। आप ने अलका को 2015 के चुनाव में चांदनी चौक से टिकट दिया और वह जीतकर विधानसभा पहुंची। वह 2020 तक विधायक रहीं। आम आदमी पार्टी में मतभेद के चलते वह अक्टूबर 2019 में वह फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। 2020 में कांग्रेस ने अलका को चांदनी चौक से ही टिकट दिया लेकिन वह तीसरे नंबर पर रहीं। इस बार कांग्रेस ने पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को टिकट दिया है।