मंगोलपुरी: दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में 70 सीटों की विधानसभा के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को इसके नतीजे आएंगे। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। यहां हम आपको दिल्ली की मंगोलपुरी सीट के बारे में बता रहे हैं।
मंगोलपुरी में बीते 3 चुनावों से AAP का कब्जा
मंगोलपुरी में पिछले 3 विधानसभा चुनावों से आम आदमी पार्टी जीतती आ रही है। AAP से पहले इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। ऐसे में इस चुनाव में आप के लिए एक बार फिर अपनी सीट को बचाना एक चुनौती होगा। वहीं कांग्रेस और बीजेपी के लिए ये एक मौका होगा कि वह इस बार अपना सिक्का जमा सकें।
इस सीट पर मौजूदा समय में आप से राखी बिड़लान विधायक हैं। लेकिन इस बार आप ने यहां से राखी बिड़लान का टिकट काटा है और अपने पार्षद को टिकट दिया है। इस सीट पर आप से राकेश जाटव धर्मरक्षक, बीजेपी से राजकुमार चौहान और कांग्रेस से हनुमान चौहान मैदान में हैं। इन तीनों के बीच कांटे की टक्कर है।
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या थे?
- आप की राखी बिड़ला को 74,154 वोट मिले (जीत)
- बीजेपी के करम सिंह कर्मा को 44,038 वोट मिले
- कांग्रेस के राजेश लिलोठिया को 4,073 वोट मिले
2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या थे?
- आप की राखी बिड़ला को 60,534 वोट मिले (जीत)
- कांग्रेस के राज कुमार चौहान को 37,835 वोट मिले
- बीजेपी के सुरजीत कुमार को 27,889 वोट मिले
मंगोलपुरी का क्या है इतिहास?
दिल्ली के मंगोलपुरी से जुड़ी एक रोचक कहानी है। भारत पर विदेशियों के कई आक्रमण हुए, जिसमें मंगोलों के हमले भी शामिल हैं। मंगोलियों ने 1297 से 1306 तक दिल्ली सल्तनत और भारत पर कई हमले किए। इस दौरान दिल्ली सल्तनत पर जलालुद्दीन फिरोज खिलजी बैठे थे। मंगोलों ने जब तीसरी बार हमला किया तो उनके कुछ सैनिक वापस नहीं लौटे। इन मंगोली सैनिकों ने सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी से दिल्ली में रहने के लिए शरण मांगी, जिसपर खिलजी ने शर्त रखी कि अगर ये सैनिक इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे तो उन्हें दिल्ली में शरण मिल जाएगी। कुछ मंगोलियों ने ये शर्त मान ली। जिसके बाद सुल्तान ने उन मंगोली सैनिकों के लिए एक शहर बसाया, जिसका नाम मंगोलपुर रखा गया। यही मंगोलपुर आज का मंगोलपुरी है।