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दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान पांच फरवरी को होना है, लेकिन बुजुर्गों के लिए घर से मतदान की सुविधा जारी है। 85 साल से ज्यादा उम्र के लोग घर बैठे अपना वोट डाल सकते हैं। होम वोटिंग की सुविधा का इस्तेमाल करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने भी मतदान किया। 87 साल की गुरशरण कौर का नाम दिल्ली की मतदाता सूची में वरिष्ठ नागरिक श्रेणी (एवीएससी) में अनुपस्थित मतदाता के रूप में दर्ज था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने अपनी पत्नी तरला जोशी के साथ घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाते हुए अपना वोट डाला। मुरली मनोहर जोशी 91 साल के हैं, जबकि उनकी पत्नी 89 साल की हैं।
क्यों मिली पहले मतदान की अनुमति?
चुनाव आयोग ने 85 साल से अधिक उम्र के लोगों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए वोट फ्रॉम होम’ (घर से मतदान) की सुविधा शुरू की है। जो मतदाता चलने-फिरने में असमर्थ हैं और उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने में मुश्किल होगी। ऐसे लोग घर से मतदान का विकल्प चुन सकते हैं। चुनाव आयोग की टीम मतदाता से संपर्क करके समय तय करती है और निर्धारित समय पर चुनाव आयोग के कर्मचारी मतदाता के घर पहुंचकर अस्थायी मतदान केंद्र बनाते हैं, जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति को मतदान करना होता है।
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सबसे ज्यादा मतदाताओं ने ‘वोट फ्रॉम होम’ किया
चुनाव आयोग ने बताया था कि पिछले साल गर्मी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट फ्रॉम होम’ सुविधा का लाभ लिया था। आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 85 साल से अधिक उम्र के 969 लोगों और 179 दिव्यांगों ने ‘‘घर से मतदान’’ की सुविधा का इस्तेमाल किया था। नयी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 85 साल से अधिक उम्र के 909 और दिव्यांग श्रेणी के 70 मतदाताओं ने घर से मतदान किया था। इन दोनों श्रेणी (85 साल से अधिक उम्र और दिव्यांग) के 4,774 मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा का इस्तेमाल किया था। आंकड़ों के मुताबिक चांदनी चौक सीट से 549 मतदाताओं ने, उत्तर पूर्व दिल्ली से 397 मतदाताओं ने, पूर्वी दिल्ली से 801 मतदाताओं ने, उत्तर पश्चिम दिल्ली से 430 ने, दक्षिण दिल्ली से 470 मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा का इस्तेमाल किया। घर से मतदान की सुविधा के लिए चुनाव अधिकारियों की टीम और सुरक्षाकर्मी मतदाता के आवास पर जाते हैं और मत एकत्र करते हैं। मतदाता को पहले ही उसके घर आने की जानकारी दी जाती है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है। (इनपुट- एएनआई/पीटीआई)