नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब पर 'विशेष कोरोना शुल्क' लगाने के महज 15 दिनों में दिल्ली सरकार को उपकर से 110 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है और आने वाले दिनों में और ज्यादा दुकानें खुलने के साथ और अधिक कमाई होने की उम्मीद है। दिल्ली आबकारी विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 12 मई तक कमाई लगभग 55 करोड़ रुपये थी, 15 मई तक 'विशेष कोरोना शुल्क' संग्रह 70 करोड़ रुपये हो गया, 21 मई तक शुल्क का संग्रह बढ़कर लगभग 110 करोड़ रुपये हो गया।
शहर की सरकार के लिए शराब से राजस्व संग्रह आय का एक प्रमुख स्रोत है और शनिवार से और अधिक शराब की दुकानों के खुलने के साथ कमाई और बढ़ने की संभावना है। जहां लॉकडाउन 3.0 में 100 के करीब शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी, वहीं, अब शहर भर में लगभग 200 दुकानें खुल रही हैं, जिनमें स्टैंडअलोन दुकानें और बाजार में मौजूद दुकानें शामिल हैं। आबकारी विभाग ने शनिवार से 66 निजी शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 850 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जिनमें से लगभग 150 मॉल और हवाईअड्डे पर स्थित हैं, जिन्हें खोलने की अनुमति नहीं होगी। सरकार ने पांच मई से शराब पर एक विशेष कोरोना शुल्क लगाया, जो एमआरपी का 70 प्रतिशत है। इसके अलावा, इन दुकानों पर भीड़ से बचने के लिए, एक ई-कूपन प्रणाली शुरू की गई है जो लोगों को किसी विशेष शराब की दुकान पर एक निश्चित तिथि और समय पर जाने की अनुमति देती है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "शराब की बिक्री 'ई-टोकन' प्रणाली लागू होने के बाद बढ़ी है।" सरकार की राजस्व कमाई कोरोनावायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई थी।