नई दिल्ली. दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि सरकार की लेटेस्ट गाइड लाइन के अनुसार, डीडीएमए उन राज्यों से दिल्ली आ रहे यात्रियों की रैंडम तौर पर कोरोना टेस्टिंग करेगी, जहां पिछले दिनों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों को जारी एडवाइजरी में बताया कि सैंपल कलेक्शन के बाद, यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने दिया जाएगा। हालांकि अगर यात्री कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के मुताबिक क्वारंटीन होने पड़ेगा।
नियामक ने दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा था। नियामक ने मंगलवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि कुछ हवाईअड्डों की निगरानी के दौरान यह संज्ञान में आया है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन संतोषजनक नहीं है। नियामक ने आगे कहा, ‘‘इसलिए, सभी हवाईअड्डों के परिचालकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी यात्री नाक और मुंह को ढकते हुए मास्क को ठीक से पहनें और कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार परिसर के भीतर सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाएं।’’
डीजीसीए ने कहा कि सभी हवाईअड्डों के परिचालक इस संबंध में निगरानी बढ़ा सकते हैं और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को ट्वीट किया कि लोग मास्क जरूर पहनें और अपनी नाक और मुंह को ढंक कर रखें तथा विमान के अंदर और हवाईअड्डों पर सामाजिक दूरी का पालन करें।
उन्होंने कहा कि यदि यात्री इन प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं करते हैं तो पुलिस के जरिये उनपर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीजीसीए के 13 मार्च के सर्कुलर में कहा गया है कि यदि कोई यात्री बार-बार टोकने के बावजूद कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है, तो उसे सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया जाए। इसके अलावा यदि कोई यात्री कोविड-19 नियमों का अनुपालन करने से इनकार करता है, तो उसे ‘उदंड’ मानते हुए विमान से उतार दिया जाए। डीजीसीए के नियमों के अनुसार किसी ‘उदंड’ यात्री पर एयरलाइन उड़ान का तीन से 24 माह का प्रतिबंध लगा सकती है।