नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को लगातार दूसरे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 342 दर्ज किया गया। गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और नोएडा में एक्यूआई सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर क्रमश: 328, 340, 326 और 328 दर्ज किया गया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार को थोड़ा सुधार दिखा था हालांकि यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई थी।
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 330 दर्ज किया गया था जो शनिवार को 473 था। यह सुधार हरियाणा और पंजाब में खेतों में पराली जलाए जाने के मामले काफी कम होने पर देखा गया था। शून्य से 50 के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि भले ही हवा चलने से AQI में सुधार आ जाए लेकिन हालात एक दिन में सामान्य नहीं होंगे। प्रदूषण के सोर्स बेहद मजबूत हैं। यह जहरीली हवा धीरे-धीरे हमारे फेफड़ों को खराब कर देगी जिससे सांस की बीमारियां बढ़ेंगी। प्रदूषण के कारण हर वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। मास्क का लगातार प्रयोग करने से प्रभाव कम होगा। जिन लोगों को कोविड हो चुका है उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा था कि उनके विभाग ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार की ओर से घोषित आपात कदमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ने के मद्देनजर लॉकडाउन लगाने और उसके तौर-तरीके पर एक प्रस्ताव सोमवार को उच्चतम न्यायालय में रखेगी।
सोमवार को सुबह न्यूनतम तापमान 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो मौसम के औसत से तीन डिग्री ज्यादा रहा। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में नमी का स्तर 90 प्रतिशत दर्ज किया गया।