नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह आनंद विहार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 461 दर्ज किया। बता दें कि प्रदूषण के इस आंकड़े को खतरनाक श्रेणी का माना जाता है। परेशान करने वाली बात यह है कि अभी दिवाली में कुछ सप्ताह बाकी है। दिवाली के मौके पर आतिशबाजी के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो जाती है ऐसे में शनिवार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
इसके अलावा आईटीओ (356), नरेला (363), ओखला फेस-2 (349), पंजाबी बाग (377), रोहिणी (381), वजीरपुर (379) और लोधी रोड (292) समेत कई जगहों पर एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
हवा की गति धीमी होने और पराली इत्यादि जलाने की घटनाएं बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जा रही है। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली की ओर से कहा गया कि शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई जिसके कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य भागों में वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। प्रणाली के अनुसार पंजाब में पराली जलाने की लगभग तीन हजार घटनाएं सामने आई।
नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब के अधिकांश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई। सफर के अनुसार, पीएम2.5 संक्रेंद्रण में पराली जलाने का योगदान दिल्ली में 36 प्रतशित रहा। यह बुधवार को 18 प्रतिशत, मंगलवार को 23 प्रतिशत, सोमवार को 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत रहा।