Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण चिंता का विषय बन चुका है। हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण स्मॉग का रूप ले लेता है और लोगों के लिए दिक्कत पैदा करने लगता है। वायु प्रदूषण का आलम यह है कि यहां खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोगों को सर्दी, खांसी, जुकाम और शरीर में तनाव महसूस होने लगा है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का आयोजन दोपहर 12 बजे किया जाएगा। इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री समेत संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे।
वायु प्रदूषण पर क्या बोले दिल्ली के लोग
वर्तमान में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 400 के पार है जो 'गंभीर' श्रेणी को दर्शाता है। दिल्ली के आरके पुरम में एक्यूआई 466, आईटीओ पर एक्यूआई 402, पटपड़गंज का एक्यूआई 471, न्यू मोतीबाग का एक्यूआई 488 है। वहीं एनसीआर में भी 400 से अधिक एक्यूआई है। इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने लोगों से बात की। इस दौरान मॉर्निंग वॉक पर निकले अमित कुमार ने कहा कि प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है। प्रदूषण को कम करना या इससे निपटने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
सरकार को लेना होगा एक्शन
एक अन्य शख्स सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि आज वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट देखने को मिल रही है। अरविंद केजरीवाल द्वारा डीजल वाहनों पर बैन लगाने का फैसला सही लिया गया है। एक अन्य शख्स दीपक कुमार ने इस बाबत कहा कि हमें प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ करने की जरूरत है। अगर प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो लोगों के जीवन के 12-14 साल कम हो जाएंगे। वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए डीजल वाहनों को पहले ही बैन कर दिया गया है। सरकार द्वारा कुछ अन्य एक्शन लेने की जरूरत है। पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। यह किसानों की गलती नहीं है। सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए। क्योंकि इससे सांस लेने और आंखों में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।