Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई... दिल्ली में प्रदूषण के टूटे सारे रिकॉर्ड, अस्पतालों में मरीजों का तांता

खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई... दिल्ली में प्रदूषण के टूटे सारे रिकॉर्ड, अस्पतालों में मरीजों का तांता

दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में एक्यूआई 500 के आसपास पहुंचने से हवा घनी धूसर हो गई, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्वस्थ मानी जाने वाली सीमा से 100 गुना अधिक है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: November 04, 2023 15:49 IST
delhi air pollution- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

दिल्ली में प्रदूषण का बिगड़ता स्तर लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर डाल रहा है। डॉक्टरों ने यहां तक कहा कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं के अलावा, आंखों से पानी आने, गले में खुजली जैसे कई मरीज सामने आ रहे हैं। घने जहरीले धुएं से घिरी राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गिरकर ''गंभीर प्लस'' श्रेणी में पहुंच गया।

खतरनाक स्तर से 100 गुना ज्यादा 'जहरीली हुई हवा'

दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में एक्यूआई 500 के आसपास पहुंचने से हवा घनी धूसर हो गई, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्वस्थ मानी जाने वाली सीमा से 100 गुना अधिक है। फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम की निदेशक और एचओडी नेत्र विज्ञान डॉ. अनीता सेठी ने बताया, "हाल ही में ओपीडी में हम आंखों से पानी आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं। कुछ लोगों को आंखों में जलन और खुजली का भी अनुभव होता है।" प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अंबरीश जोशी ने कहा, "प्रदूषण के कारण हमें दैनिक आधार पर कई मामले मिल रहे हैं। अब तक, हमारे पास 28 बिस्तर भरे हुए हैं, जिनमें से 14 आईसीयू में हैं और 2 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इन मरीजों ने असुविधाजनक लक्षणों की एक श्रृंखला की सूचना दी है, जिसमें गले में खुजली, आंखों में जलन और गंभीर एलर्जी के साथ-साथ फेफड़ों में जमाव भी शामिल है।"

बुजुर्गों, बच्चों और एलर्जी से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने खुलासा किया है कि अक्टूबर में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद से सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है, जो एक गंभीर स्थिति का संकेत है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरुरत है। एजेंसी का यह भी कहना है कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से बच्चे सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इन दिनों बुजुर्गों, बच्चों और एलर्जी से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा है। डॉ. सेठी ने कहा कि सर्दियों की शुष्क हवा और प्रदूषण से आंखों में सूखापन बढ़ जाता है। वे हवा में मौजूद कणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे आंखों में बहुत अधिक जलन, जलन और पानी आने लगता है।

delhi air pollution

Image Source : PTI
दिल्ली में AQI बिगड़ने से बढ़े आंखों में जलन और सिरदर्द के मामले

इसके अलावा, यह मौसम के बदलाव का समय है इसलिए हवा में परागकण अधिक होते हैं। इसलिए जिन लोगों को एलर्जी होने का थोड़ा ज्यादा खतरा है, उनमें लक्षणों के बढ़ने की वास्तविक वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों और अधिकारियों ने दिल्लीवासियों से इस खतरनाक प्रदूषण संकट के बीच अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मास्क पहनने और जब भी संभव हो घर के अंदर रहने जैसी आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें

डॉ. जोशी ने कहा, "हवा में कणों के बढ़ते स्तर श्वसन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे व्यक्तियों को सतर्क रहना और अपनी सुरक्षा के लिए धूल और प्रदूषकों के संपर्क में आने को कम करने के लिए कदम उठाना जरूरी हो गया है।" उन्होंने कहा, "हम सभी से आग्रह करते हैं कि बाहर जाते समय मास्क पहनें और खुले में किसी भी ज़ोरदार व्यायाम से बचें, खासकर सीओपीडी के मामलों वाले लोगों से। कृपया बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। इसके अतिरिक्त, धूम्रपान और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से बचने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है, क्योंकि यह वायु गुणवत्ता से समझौता होने के दौरान श्वसन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।"

यह भी पढ़ें-

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement