नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दियों के दस्तक देने से पहले ही बढ़ता वायु प्रदूषण ने फिर चिंता पैदा कर दी है। वायु गुणवत्ता का स्तर लगातार खराब होने के साथ प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को मध्यम श्रेणी में रही, लेकिन अगले 3 दिनों में इसके खराब श्रेणी में आने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के अनुसार, रविवार को राजधानी का सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 168 रहा।
बता दें कि पिछले तीन दिनों से दिल्ली की वायु में मौजूद PM 2.5 का स्तर बढ़ रहा है। इसकी वजह दिल्ली में प्रदूषण के स्त्रोत जैसे परिवहन और उद्योगों एवं बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन का बढ़ना है। आपको बता दें कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है खेतों में आग लगना
पंजाब और हरियाणा के खेतों में आग लगना भी दिल्ली में वायु प्रदूषण का कारण बन रहा है। दरअसल, 01 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच पंजाब और हरियाणा में 676 और 193 से अधिक आग लगने की बात सामने आई है। पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और पटियाला और हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और अंबाला में बड़े पैमाने पर खेत में आग देखी गई है।
प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार की जंग शुरू
वहीं, वायु प्रदूषण से जंग में केजरीवाल सरकार सोमवार से दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए बायो डिकंपोजर घोल के छिड़काव की शुरुआत करेगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत नरेला विधानसभा के फतेहपुर जट गांव से की जाएगी। इस बार दिल्ली में चार हजार एकड़ से अधिक एरिया में पराली गलाने के लिए इस घोल का छिड़काव करने की तैयारी की हुई है, जबकि पिछले साल करीब दो हजार एकड़ में ही छिड़काव किया गया था। दिल्ली सरकार 24 सितंबर से पूसा इंस्टीट्यूट के सहयोग से खरखरी नाहर में बायो डिकंपोजर का घोल तैयार करा रही है।