नई दिल्लीः कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के विरोध में दिल्ली में लगातार दूसरे दिन डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के बड़े अस्पतालों, एम्स, सफदरजंग, लोकनायक, जीबी पंत में डॉक्टरों के प्रदर्शन से स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ा है। इस बीच दिल्ली एम्स ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट का आर्डर है कि डॉक्टर किसी भी तरीके का प्रोटेस्ट में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। जिससे कि मरीजों को कोई परेशानी हो।
एम्स ने प्रदर्शन को याद दिलाया हाई कोर्ट का आदेश
पत्र में कहा गया है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स से प्राप्त पत्र में सभी वैकल्पिक और गैर-आवश्यक सेवाओं (ओपीडी, ओटी और वार्ड) को बंद करने की घोषणा की गई है। सभी को दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से 20.05.2002 को जारी आदेश का पालन करना चाहिए। एम्स से जुड़े किसी भी अन्य संकाय, निवासियों, प्रशिक्षुओं, छात्रों, पार्समेडिकल स्टाफ द्वारा हड़ताल किया जाता है तो वह अनुशासनात्मक कार्यवाई के लिए उत्तरदायी होगा और साथ ही वें न्यायालय की अवमानना के लिए भी।
एम्स ने प्रदर्शनकारियों को दी कार्रवाई की चेतावनी
परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखने और संस्थान के सुचारू कामकाज के लिए स्टाफ या संकाय सदस्यों का कोई भी कर्मचारी किसी भी कारण से शैक्षणिक गतिविधियों को बंद नहीं करेगा या काम में बाधा नहीं डालेगा। कोई लाउड स्पीकर से नहीं बोलेगा। संस्थान के 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार की कोई गेट मीटिंग या प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप अनुशासनात्मक और अन्य कार्रवाई की जाएगी। पत्र में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन के अधिकार में इलाज से कोई डॉक्टर इनकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में सोमवार से डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।