नई दिल्ली: दिल्लीवालों के लिए बिजली के खंभों पर लटके तार मुसीबत का सबब बन गए हैं। पिछले 12 दिनों में करंट लगने से 3 मौत हो चुकी हैं। बारिश के पानी में करंट उतर रहा है , जो जानलेवा साबित हो रहा है। 13 जुलाई को भजनपुरा में पूनम नाम की महिला की मौत हुई। 22 जुलाई को पटेल नगर इलाके में UPSC की तैयारी कर रहे नीलेश राय की करंट लगने से मौत हुई और अब तीसरा मामला दिल्ली के सदर बाजार इलाके का है। यहां राकेश नाम के शख्स की मौत हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में बिजली विभाग की लापरवाही लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। 13 जुलाई को भजनपुरा के यमुना विहार में 40 साल की पूनम नाम की एक महिला की मौत हो गई थी। पानी में आए करंट से उसकी जान गई थी। 22 जुलाई को पटेल नगर में नीलेश राय को लोहे के गेट से करंट लगा और उसकी जान चली गई। तीसरा मामला 25 जुलाई का है। राकेश नाम के शख्स की करंट से मौत हो गई। राकेश सदर बाजार इलाके में ढाबा चलाता था।
अगर नीलेश की बात करें तो वह कुछ सामान लेने के लिए बाहर गया हुआ था। जब वो वापस घर आया तो अंदर जाने के लिए लोहे के गेट को टच किया। इसी दौरान उसे करंट का झटका लगा। वो करंट के झटके से तड़पता रहा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। नीलेश का परिवार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में रहता है। नीलेश पिछले 5 साल से दिल्ली में अफसर बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा था। लेकिन बिजली के एक झटके ने उसके सपनों को ही नहीं, बल्कि उसकी जिंदगी को खत्म कर दिया।
जिस तरह नीलेश राय ने जान गंवाई, ठीक उसी तरह कुछ दिन पहले भजनपुरा इलाके में पूनम की मौत हुई। पूनम अपने बीमार बेटे की रिपोर्ट निजी अस्पताल में दिखाने आ रही थी। यमुना विहार की सर्विस रोड पर एक से डेढ़ फीट पानी भरा था। जैसे ही पूनम ने पानी में पैर रखा, उसे जोरदार करंट लगा और वो पानी में गिर गई और करंट लगने से उसकी मौत हो गई। अब पूनम के पति बिजली विभाग और राज्य सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।
12 दिनों में करंट से मौत का तीसरा मामला दिल्ली के सदर बाजार इलाके से सामने आया है। दरअसल राकेश नाम का एक शख्स सदर बाजार इलाके में बनी झुग्गियों में रहता था और इस झुग्गी में ही छोटा सा ढाबा भी चलता था। गुरुवार तकरीबन 6 बजे के करीब बारिश के पानी में बिजली का गिर गया, जिसकी वजह से राकेश को करंट लगा और उसकी मौत हो गई।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
दिल्ली में ये सिर्फ तीन मामले नहीं है, जिनमें बिजली के करंट से जान गई हो बल्कि पिछले कुछ सालों में करंट से कई और लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसी साल 28 जून को न्यू अशोक नगर के दल्लूपुरा गांव में ई-रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट पर करंट लगने से पांच साल के मासूम की मौत हो गई थी। 24 नवंबर 2023 को बाहरी दिल्ली के रणहौला में कमांडर अस्पताल के वाटर टैंक में करंट फैलने से एक इंजीनियर व प्लंबर पिता-पुत्र की मौत हुई थी।
26 अक्तूबर 2023 को शाहदरा के फर्श बाजार और पांडव नगर में करंट लगने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। दिल्ली में इन हादसों के लिए जिम्मेदार कौन हैं? ऐसा क्यों है कि राजधानी में लोगों की जान इतनी सस्ती हो गई है? दरअसल सड़कों पर बारिश के बाद जलभराव हो जाता है। क्योंकि नालों की सफाई नहीं होती और बिजले के खंभों पर खुले तार लटके हैं, इनसे करंट फैलता है।