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पैकेटबंद छाछ में मिला मरा हुआ चूहा! दिल्ली HC ने खारिज की याचिका

दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें एक डेयरी कंपनी के छाछ के टेट्रा पैक में चूहे या चिकन का टुकड़ा मिलने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 10, 2021 10:28 IST
पैकेटबंद छाछ में मिला...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE पैकेटबंद छाछ में मिला मरा हुआ चूहा! दिल्ली HC ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें एक डेयरी कंपनी के छाछ के टेट्रा पैक में चूहे या चिकन का टुकड़ा मिलने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते कहा कि मामले को उचित फोरम यानी कंज्यूमर कोर्ट में उठाया जाए। हालांकि, जस्टिस रेखा पल्ली ने फूड सेफ्टी डिपार्टमें को निर्देश दिया कि वह याचिका पर सीमित समय में जवाब दे।

बता दें कि मामला उस समय सामने आया जब एक व्यक्ति द्वारा पिछले वर्ष कम्पनी की छाछ पीने से कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को सामना करना पड़ा था। उसे जब सेवन किए जा रहे छाछ पर संदेह हुआ तो उसके चेक करने पर उसमें उसे मांस के कुछ टुकटे दिखाई दिए। पीड़ित के मुताबिक ये टुकडे चूहे के लग रहे थे।

हाईकोर्ट ने कहा, 'मुआवजे के लिए उपभोक्ता अदालत जाइए। इसके लिए अलग से अदालत है। आप प्रथम दृष्टया मुझे कुछ भी साक्ष्य नहीं दिखा सके। मैं कुछ भी विवादित तय नहीं कर सकती। मेरी नजर में प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं जिससे प्रोडक्ट में कमी साबित हो। यह पहलू एक रिट याचिका के जरिए तय नहीं हो सकता, जिसे खारिज किया जाता है।' कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका खारिज किए जाने का मतलब यह नहीं कि आप उपभोक्ता अदालत नहीं जा सकते।

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील शादाब खान ने इसे अपने मुवक्किल के मौलिक अधिकार, खासतौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन बताया। वकील ने दावा किया कि उनकी मुवक्किल शाकाहारी है और बीते साल छाछ पीने के बाद से उन्हें कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।  याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता को शारीरिक (पेट संबंधी बीमारियां/ एसिडिटी) और मानसिक असर (डिप्रेशन) झेलना पड़ रहा है।' याचिका में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI और डेयरी कंपनी से 20 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की गई थी।

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