Tuesday, November 05, 2024
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टैक्सी ड्राइवर की बेटी ने किया स्कूल टॉप, बारहवीं में हासिल किए 96.4 फीसदी अंक

शिखा को बोर्ड परीक्षा में सभी विषयों में 95 से ज्यादा अंक मिले हैं। उन्हें अंग्रेजी में 95, हिंदी में 97, पोलिटिकल साइंस में 97, भूगोल में 97, अर्थशास्त्र में 96 और नागरिक शास्त्र में 95 अंक मिले हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 16, 2020 16:28 IST
daughter of taxi driver tops school scores 96 percent marks । टैक्सी ड्राइवर के बेटी ने किया स्कूल ट- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV अपने स्कूल टीचर्स के साथ शिखा चौहान
दिल्ली. मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है
 
ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं, इस साल बारहवीं का इम्तिहान पास करने वाली शिखा चौहान पर। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली शिखा के पिता गिरेंद्र किराए की टैक्सी चलाते हैं।  चार सदस्यों के परिवार को चलाने के लिए शिखा के पिता दिन में टैक्सी चलाने के अलावा रात में गार्ड की नौकरी करते हैं।
 
देश की राजधानी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय की स्टूडेंट शिखा ने बारहवीं के बोर्ड एग्जाम में 96.4 फीसदी अंक हासिल न सिर्फ अपनी स्ट्रीम बल्कि पूरे स्कूल में टॉप किया है। शिखा के पास अन्य स्टूडेंट्स की तरह न तो ट्यूशन की सुविधा थी और न ही पढ़ाई के लिए मार्डन गैजेट्स जिनसे उसे मदद मिल सके, लेकिन फिर भी कड़ी मेहनत और लगन से शिखा ने वो कर दिखाया, जो बहुत से स्टूडेंट्स के लिए सपना होता है।
 
शिखा को बोर्ड परीक्षा में सभी विषयों में 95 से ज्यादा अंक मिले हैं। उन्हें अंग्रेजी में 95, हिंदी में 97, पोलिटिकल साइंस में 97, भूगोल में 97, अर्थशास्त्र में 96 और नागरिक शास्त्र में 95 अंक मिले हैं। शिखा अपनी इस सफलता के लिए अपने परिवार के अलावा अपने क्लास टीचर्स के साथ-साथ पड़ोस में रहने वाली सुषमा वर्मा को श्रेय देती हैं। शिखा कहती हैं, “मुझे जब भी परेशानी हुई, पढ़ाई में दिक्कतें आईं, सुषमा दीदी ने मेरी बहुत मदद की। इसमें उनका बहुत बड़ा रोल है। मैं उन्हें अपना मेंटर मानती हूं।”
 
जब सवाल भविष्य के सपनों पर आता है, तो शिखा कहती हैं कि उनका मकसद ज्यूडिशियरी में करियर बनाना है और वो इसी दिशा में काम कर रही हैं। हालांकि शिखा को इस बात का बाखूबी इल्म हैं कि वो बेहद साधारण परिवार से आती हैं। वो जानती हैं कि पिता की आमदनी में घर का किराया, टैक्सी का किराया निकालने के बाद घर चलाना कोई आसान बात नहीं ऐसे में, उनपर परिवार को सपोर्ट करने की जिम्मेदारी भी है, ऐसे में वो पहले D.El.Ed करना चाहती हैं और फिर अपने सपनों को पंख देना चाहती हैं।

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