Friday, November 22, 2024
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क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद के 5 साथियों के पासपोर्ट जब्‍त किए

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के 5 करीबियों के पासपोर्ट क्राइम ब्रांच ने जब्त कल लिए है। अबत जबतक मामले की जांच चल रही है तब तक कोई भी आरोपी इनमें से देश के बाहर नहीं जा पाएगा।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Updated on: May 25, 2020 11:08 IST
Crime Branch seized passports of 5 Nizamuddin markaz accused closed to Maulana Saad- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Crime Branch seized passports of 5 Nizamuddin markaz accused closed to Maulana Saad

नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के 5 करीबियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए है। अब जबतक मामले की जांच चल रही है तब तक इनमें से कोई भी आरोपी देश के बाहर नहीं जा पाएगा। क्राइम ब्रांच के सूत्रों की माने तो ये पांचों मौलाना साद के बेहद करीबी है। मरकज़ से जुड़ा कोई भी फैसला हो मौलाना साद इनको उसमे जरूर शामिल करता था। इन पांचों के नाम मुफ़्ती शहजाद, जिशान, मुरसलीन सैफ़ी, मोहम्मद सलमान और यूनुस है। इन सभी के नाम एफआईआर में भी शामिल है।

इससे पहले जांच एजेंसियां संदेहास्पद विदेशी और घरेलू लोगों द्वारा तब्लीगी जमात के बैक खातों में भारी संख्या में फंड ट्रांसफर करने के साक्ष्य उजागर कर चुकी हैं, जिसमें कुछ लोगों ने सावधानीपूर्वक इसे छुपाने की कोशिश की और इस भारी वित्तपोषण ने भारत में इस इस्लामिक मिशनरी को गुप्त रूप से पांव पसारने में मदद की। जांच एजेंसियों को पता चला है किनकम से कम 14 खिलाड़ियों, जिनमें से कुछ विदेशों में है, ने जो घुमावदार रास्तों के जरिए हुए लेनदेन को छिपाने के लिए नियमित रूप से वित्तीय प्रणाली का उपयोग किया।

प्रवर्तन निदेशालय(ईडी), दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, आयकर विभाग जमात प्रमुख मौलाना साद और उसके सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे बैंक खातों की जांच कर रहे हैं, ताकि पता चल सके कि मुख्य खिलाड़ियों द्वारा किए गए लेनदेन क्या बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली का उल्लघन हैं, क्योंकि कई मामलों में एक खाते में प्राप्त पैसे दूसरे खाते से 24 घंटे के अदंर आए थे।

एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने इस मामले पर कहा था कि, "इस तरह के ट्रांसफर से संदेह होता है कि जमात के फंड के वित्तीय प्रणाली में प्रवेश करने के बाद इसे स्रोत से अलग किया जाता था। एक खाते से दूसरे खाते में राशि के ट्रांसफर से यह प्रतीत होता है कि इसे वैध बनाने की कोशिश थी। हम हवाला ट्राजंक्शन को खंगाल रहे हैं, जिसे सफलतापूर्वक प्रॉसेस किया गया होगा, या बैंकिंग प्रणाली में एकीकृत किया गया होगा।"

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