दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिवाली तक ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग पर बैन लगा दिया हैं। सरकार के इस फैसले से पर्यावरण प्रेमी तो खुश हैं लेकिन पटाखा कारोबारियों की नींद उड़ गई है। पटाखा कारोबारियों का कहना है कि दिल्ली में विक्रेताओं ने सरकार से दीवाली तक ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी जाए, नहीं तो भारी नुकसान झेलना होगा।
पटाखा कारोबारी के अनुसार “अचानक प्रतिबंध के कारण, हमें लगभग 15-20 लाख रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। पहले सरकार ने कहा कि ग्रीन पटाखे बेचे जा सकते हैं और हमें लाइसेंस दिया गया है। हमने पहले ही स्टॉक खरीद लिया था।” पटाखे बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि सरकार द्वारा सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से उन्हें भारी नुकसान होगा। एक विक्रेता का कहना है, "हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रीन पटाखों का स्टॉक खरीद लिया, लेकिन अब सीएम ने उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया। हम प्रतिबंध का विरोध करेंगे।"
केजरीवाल ने लगाया बैन
केजरीवाल सरकार ने दिवाली से ठीक पहले बड़ा फैसला लेते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है। दिवाली के पहले कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण, त्योहार के मौसम के कारण दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि , सरकार चिकित्सा संबंधी आधारभूत ढांचा बेहतर करने, अस्पतालों में आईसीयू बेड जोड़ने के लिए कदम उठा रही है।कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में पटाखों को बैन कर दिया गया है। यह बैन पटाखे खरीदने-बेचने और चलाने पर होगा। दिल्ली सरकार के मुताबिक दीवाली पर किसी भी तरह के पटाखे नहीं चलाए जाएंगे। ग्रीन और सामान्य दोनों ही तरह के पटाखों पर बैन लगा दिया गया है।