Highlights
- दिल्ली में आ गया कोरोना की मौजूदा लहर का पीक- स्वास्थ्य मंत्री
- अगर 2-3 दिन में केस कम हो गए तो, पाबंदियां हटा दी जाएंगी- स्वास्थ्य मंत्री
नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले पांच दिन से अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड-19 के मरीजों की संख्या स्थिर हैं, जिससे प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस की मौजूदा लहर संभवत: चरम पर पहुंच चुकी है और दो-तीन दिन में मामले कम हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बुधवार को 25000 के आसपास नए मामले आ सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संक्रमण दर या मामलों से मौजूदा लहर के चरम पर पहुंचने का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर प्रमुख संकेतक है।
मंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने पाया है कि पिछले चार-पांच दिन से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या स्थिर है और केवल 2200 बिस्तरों पर ही मरीज हैं। 85 प्रतिशत बिस्तर (बेड) खाली हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड-19 के मरीजों की संख्या स्थिर हैं, जिससे प्रतीत होता है कि मौजूदा लहर संभवत: चरम पर पहुंच चुकी है। हम दो-तीन दिन में मामले कम होते देख सकते हैं।’’ जैन ने कहा कि मुंबई में कोविड-19 के मामले कम होना शुरू हो गए हैं और दिल्ली में भी मामलों के जल्द कम होने की उम्मीद है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर दो-तीन दिन में संक्रमण के मामले कम हो गए तो, पाबंदियां हटा दी जाएंगी। मंत्री ने कहा कि संक्रमण से हाल ही में जिन लोगों की मौत हुई उनमें से अधिकतर पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और कुछ ही लोगों की मौत केवल कोरोना वायरस के कारण हुई। उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है, जबकि कोरोना वायरस के इलाज के लिए अधिक लोग अस्पताल नहीं आ रहे हैं।’’
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को संक्रमण से 23 मरीजों की मौत हो गई थी। इस महीने में 11 दिन में 93 लोगों की अभी तक संक्रमण से मौत हो चुकी है, जबकि पिछले पांच महीने में दिल्ली में संक्रमण से 54 लोगों की मौत हुई थी। दिसंबर में नौ, नवंबर में सात, अक्टूबर में चार, सितंबर में पांच, अगस्त में 29 संक्रमितों की मौत हुई थी। वहीं, जुलाई में 76 लोगों की संक्रमण से जान गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने केन्द्र के कोविड-19 संबंधी जांच से जुड़े नए दिशानिर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों को जांच कराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मानव शरीर में कोरोना वायरस की मौजूदगी चिंता का विषय नहीं है, जब तक कि उसके लक्षण ना दिखने लगे।’’ जैन ने बताया कि ‘‘बेहद कम’’ संख्या में बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं और केवल पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है।
(इनपुट- एजेंसी)