Monday, December 23, 2024
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दिल्‍ली में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, सामने आए 337 केस, 36 लोगों की मौत

कोरोना कर्फ्यू में ढील के बीच दिल्‍ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। बुधवार को राजधानी में कोरोना के 337 नए मामले आए। वहीं, पिछले 24 घंटे में यहां 36 और लोगों ने जान गंवा दी, जबकि संक्रमण दर 0.46 फीसदी पहुंच गई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 09, 2021 20:06 IST
Coronavirus News: Delhi reports 337 new Covid-19 cases, 36 deaths
Image Source : PTI कोरोना कर्फ्यू में ढील के बीच दिल्‍ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं।

नयी दिल्ली: कोरोना कर्फ्यू में ढील के बीच दिल्‍ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। बुधवार को राजधानी में कोरोना के 337 नए मामले आए। वहीं, पिछले 24 घंटे में यहां 36 और लोगों ने जान गंवा दी, जबकि संक्रमण दर 0.46 फीसदी पहुंच गई। संक्रमण के नए मामलों और संक्रमण की दर में मंगलवार के आंकड़ों के मुकाबले वृद्धि देखी गई है। मंगलवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 316 मामले सामने आए थे और संक्रमण की दर 0.44 प्रतिशत थी। इसके अलावा 41 रोगियों की मौत हुई थी।

ताजा बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में एक दिन में 36 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 24,704 हो गई जबकि मृत्युदर 1.73 प्रतिशत रही। वहीं, गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी से 12 घंटे के भीतर कोविड-19 के दो मरीजों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। 

सर गंगाराम अस्पताल (एसजीआरएच) की चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर पूजा खोसला ने बताया कि 36 वर्षीय एक स्वास्थ्यकर्मी तेज बुखार, खांसी, मांसपेशी दर्द, बेहद कमजोरी और सफेद रक्त कण की कमी से पीड़ित थे। उन्हें मंगलवार को बीमारी के छठे दिन रेगसीओवी2, कासिरीविमाब और इम्डेविमाब दिया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह के लक्षण वाले मरीज मध्यम से नाजुक स्थिति में तेज़ी से पहुंच जाते हैं। 

वहीं, दूसरा मामला 80 वर्षीय मरीज आर के राजदान का है। वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और वह तेज बुखार और खांसी के शिकार थे। अस्पताल ने एक बयान में बताया, ‘‘ सीटी स्कैन में हल्की बीमारी की पुष्टि हुई। उन्हें पांचवें दिन रेगसीओवी2 दिया गया। मरीज के स्वास्थ्य में 12 घंटे के भीतर सुधार हुआ।’’ मोनोक्लोनल एंटीबॉडिज, एंटीबॉडी की एक प्रति है, जो एक विशिष्ट एंटीजन को निशाना बनाती है। इस उपचार का इस्तेमाल पहले इबोला और एचआईवी में किया जा चुका है। 

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