नई दिल्ली: दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस के 1,056 नये मामले सामने आने के बाद कोविड-19 से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1.32 लाख से अधिक पहुंच गई जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 3,881 हो गई है। एलएनजेपी अस्पताल में सोमवार को इस बीमारी के कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। ऐसा पिछले कुछ महीनों में पहली बार हुआ है कि संक्रमण के कारण किसी मरीज की जान नहीं गई।
दिल्ली सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल को कोविड-19 मामलों के लिए विशेष रूप से निर्धारित किया दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन के अनुसार, कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 1,32,275 हो गई हैं, जबकि इस महामारी से 28 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,881 हो गई। बुलेटिन के अनुसार, इस समय 10,887 मरीजों का इलाज चल रहा है।
सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में 613 नए मामले सामने आए थे, जो पिछले दो महीनों में सबसे कम मामले थे। हालांकि, कम केवल 11,506 जांच की गई थी। एक दिन बाद, जब 18,544 जांच की गईं, तो मामले 1,056 हो गए। दिल्ली में मरीजों के ठीक होने की दर 88.83 प्रतिशत है, जबकि संक्रमण की पुष्टि की दर 5.69 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 64 प्रतिशत है। महानगर में 715 निरूद्ध क्षेत्र हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ट्विटर पर घोषणा की, ‘‘कल हमारे सबसे बड़े कोविड अस्पताल एलएनजेपी में कोई मौत नहीं हुई।’’ 2,000 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने इस राहत का श्रेय व्यापक आईसीयू देखभाल, प्लाज्मा बैंक सुविधा, उत्तम स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और डॉक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण को दिया।
चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 के कारण कम से कम एक मौत प्रतिदिन दर्ज की गई, लेकिन कल एलएनजेपी में कोई भी मौत नहीं हुई।’’ उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम तक अस्पताल के 2,000 बेड में से 389 पर कोविड-19 के रोगी भर्ती हैं, जिनमें से 88 आईसीयू में हैं और दो वेंटिलेटर पर हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,056 मामले सामने आए, जिससे कुल मामले 1.32 लाख से अधिक हो गए, जबकि पिछले 24 घंटों में संक्रमण के कारण 28 मौतें होने से महानगर में बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,881 हो गई। जून में, राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई और मौत के मामले भी बढ़े , लेकिन जुलाई में इनमें कमी आने लगी।
इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उप-निरीक्षक या उससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारियों को कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का अधिकार देने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। मुख्य न्यायधीश डी.एन.पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जलान की एक पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर उससे जवाब मांगा है। यह याचिका वकील सोनिया राणा ने दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि किसी मामले में दंड स्वरूप जुर्माना कोई पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि न्यायाधीश ही लगा सकते हैं। पीठ ने हालांकि इस नियम पर अभी रोक लगाने के लिए कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। राणा की ओर से पेश हुए वकील धनंजय सिंह शहरावत ने दलील दी कि नियमों में इस तरह के प्रावधान नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
दिल्ली महामारी रोग (कोविड-19 का प्रबंधन) के तहत 2020 के नियम के अनुसार अधिकृत व्यक्ति को कोविड-19 से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर पहली बार 500 रुपये और ऐसा दोबारा करने पर 1000 रुपया का जुर्माना लगाने का अधिकार है। याचिका में पुलिस अधिकारियों को जुर्माना लगाने का अधिकार देने वाले प्रावधान रद्द करने की मांग की गई है।