नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। बुधवार को राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के रिकार्ड 1501 नए मरीज मिले और 48 लोगों की मौत हो गई। नए मरीज सामने आने के बाद दिल्ली में अबतक सामने आए कुल मामले बढ़कर 32,810 हो गए। इन मामलों में से 12,245 लोग कोरोना बीमारी को मात देकर घर जा चुके हैं, जबकि 984 लोगों की मौत हो गई है। बुधवार को राजधानी दिल्ली में 384 लोगों को डिस्चार्ज किया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ‘केंद्र के फैसले’ और उप राज्यपाल अनिल बैजल के दिल्ली में सरकारी और निजी अस्पतालों को सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित नहीं होने के आदेश को लागू करेगी क्योंकि यह समय ‘असहमति और बहस’ का नहीं है। ऑनलाइन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सामने ‘अप्रत्याशित चुनौतियां’ हैं क्योंकि आंकड़ें यह दिखा रहे हैं कि दिल्ली में आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि अन्य राज्यों से जैसे ही लोग इलाज के लिए दिल्ली आना शुरू करेंगे दिल्ली को 31 जुलाई तक 1.5 लाख बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार सभी को इलाज मुहैया कराने के लिए ‘ ईमानदार प्रयास’ करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1.5 लाख बिस्तरों में से ऐसा अनुमान है कि 80,000 बिस्तरों की जरूरत दिल्ली के लोगों को होगी। उन्होंने कहा कि यह गणना इस पर आधारित है कि कोरोना वायरस महामारी से पहले यहां के अस्पतालों में 50 फीसदी बिस्तर दूसरे राज्यों के मरीजों से भरे थे।
केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग टीवी चैनलों पर कह रहे हैं कि केंद्र और उप राज्यपाल के पास दिल्ली की चुनी हुई सरकार के फैसले को पलटने का अधिकारी नहीं हैं, जो भारी बहुमत से जीतकर आई है। उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि हम केंद्र के फैसले और उप राज्यपाल के आदेश को पूरी भावना के साथ लागू करेंगे क्योंकि यह समय असहमति और बहस का नहीं है। मैं सरकार और राजनीतिक पार्टियों में बैठे लोगों को यह संदेश देता हूं कि यह लागू होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह समय राजनीति करने का नहीं है। हम सभी को साथ मिलकर लड़ना होगा और कोविड-19 को हराना होगा।’’
With inputs from Bhasha
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