Highlights
- दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 11,486 नए मामले सामने आए
- कोविड-19: ‘तीसरी लहर’ में मरने वालों में 60 प्रतिशत ने नहीं कराया था समुचित टीकाकरण
- दिल्ली में कोरोना के 58,593 सक्रिय मामले
Delhi Corona Updates: दिल्ली में शनिवार को पिछले 24 घंटों में 11,486 नए कोरोना वायरस (COVID19) के मामले सामने आए। वहीं इस दौरान 14,802 मरीज कोरोना से ठीक हुए और 45 और मरीजों की मौतें हो गई। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान पॉजिटिविटी रेट 16.36% रही, जबकि दिल्ली में कोरोना के 58,593 सक्रिय मामले हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में अब कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1782514 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, अब तक कुल 16,98,335 मरीज इस महामारी को मात देकर कोरोना मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 25586 हो गई है। दिल्ली में कंटेनममेंट जोन्स की संख्या भी 43457 तक पहुंच गई है।
जानिए दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग का हाल
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, आज दिल्ली में कुल 70,226 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 56,551 आरटीपीआर/सीबीएनएएटी/ट्रूनैट टेस्ट और 13675 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। दिल्ली में अब तक कुल 3,44,01,748 जांचें हुई हैं और प्रति 10 लाख लोगों पर 18,10,618 टेस्ट किए गए हैं।
कोविड-19: ‘तीसरी लहर’ में मरने वालों में 60% ने नहीं कराया था समुचित टीकाकरण
कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के दौरान मरने वालों में 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने या तो बिलकुल टीकाकरण नहीं कराया था या फिर आंशिक टीकाकरण ही कराया था। यह बात एक निजी अस्पताल के एक अध्ययन में कही गई है। मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि दर्ज की गई मौतों के मामले में ज्यादातर लोग 70 वर्ष से अधिक उम्र के थे या वे गुर्दे की बीमारियों, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर जैसी कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। इसने एक बयान में कहा, "हमारे अस्पतालों में अब तक हुई 82 लोगों की मौत के मामले में 60 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्होंने या तो आंशिक टीकाकरण कराया था या फिर बिलकुल भी टीकाकरण नहीं कराया था।"
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि मृत्यु उन रोगियों की हो रही है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और जिन्हें अन्य बीमारियां भी हैं। महामारी की तीन लहरों के तुलनात्मक अध्ययन में यह भी कहा गया है कि महामारी की तीसरी लहर के दौरान केवल 23.4 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता पड़ी है, जबकि दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत और पहली लहर के दौरान 63 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता पड़ी थी।
अध्ययन में कहा गया है कि मैक्स नेटवर्क के सभी अस्पतालों में कोविड-19 के चलते 41 बच्चे भर्ती हुए। इसने कहा, "हालांकि, इस आयु वर्ग में कोई मौत नहीं हुई है। सात को बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी जबकि दो को वेंटिलेटर पर रखने की।" अस्पताल ने कहा कि जब दिल्ली में अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान 28,000 मामले आए थे तो अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर उपलब्धता शून्य थी, जबकि मौजूदा लहर के दौरान जब पिछले सप्ताह अधिक संख्या में मामले सामने आए थे तो बिस्तर उपलब्धता का कोई संकट नहीं था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या क्रमशः 20,883, 12,444 और 1378 रही। पहली लहर में समग्र मृत्यु दर 7.2 प्रतिशत थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गई। मैक्स अस्पतालों में मौजूदा लहर के दौरान छह प्रतिशत मृत्यु दर दर्ज की गई है। अध्ययन में कहा गया है, "यद्यपि भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या पिछले 10 दिनों में तेजी से बढ़ी है और रोजाना अधिक से अधिक मौतों की सूचना आ रही है, अच्छी खबर यह है कि ओमीक्रोन स्वरूप से मामूली बीमारी हो रही है।"
इसने कहा कि अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या कम रहने का कारण कोविड रोधी टीकाकरण है और इसी की वजह से बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अस्पताल श्रृंखला ने कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत से लेकर 20 जनवरी 2022 तक अध्ययन किया। यह अध्ययन मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक डॉक्टर संदीप बुद्धिराजा के निर्देशन में किया गया। बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी में तीसरी लहर के दौरान 13 जनवरी 2022 को 28,867 मामले सामने आए थे जो महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक एक दिन में आए सर्वाधिक मामले हैं। महामारी के मामलों की संख्या में अब गिरावट आनी शुरू हो गई है।