Coal Shortage: देशभर के साथ ही राजधानी में भी कोयले की कमी का असर देखा जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को फिर कोयले की कमी का मुद्दा उठाया, हालांकि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि दिल्ली की बिजली आपूर्ति कंपनियों को आवश्यकता के अनुसार बिजली मिलती रहेगी। दिल्ली सरकार ने विभिन्न बिजली घरों में कोयले की कमी का संदर्भ देते हुए बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है।
बिजली आपूर्ति के लिए दिल्ली सरकार कर रही प्रबंधन
एक कार्यक्रम से इतर केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में बिजली आपूर्ति का प्रबंधन हम (दिल्ली सरकार) कर रहे हैं। कोयले की कमी के कारण यह समस्या पूरे देश के सामने है।’ ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों सहित अन्य ताप बिजली घरों में कोयले की उपलब्धता की समीक्षा की। बयान के अनुसार, ‘मंत्री ने दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश दिया है कि उन्हें मांग के अनुरुप बिजली मिलेगी।’
टाटा पावर दिल्ली वितरण निगम (टीपीडीडीएल) ने एक बयान में कहा कि वह उन बिजली घरों में कोयले की उपलब्धता पर नजर रख रहा है जिनके साथ उसका लंबे समय तक का करार है। बयान के अनुसार, ‘बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और अतिरिक्त मांगों के मद्देनजर टीपीडीडीएल ने हाल में मई के पहले सप्ताह से 31 जुलाई तक 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के लिए करार किया है।’
दिल्ली सरकार लंबे समय तक निर्बाध आपूर्ति में सक्षम नहीं: बिजली मंत्री
केजरीवाल से पहले दिल्ली सरकार के बिजली मंत्री ने भी कोयले की किल्लत की बात कही है। कोयले की किल्लत से गहराते बिजली संकट के बीच दिल्ली सरकार ने मेट्रो, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध (बिना बाधित) बिजली आपूर्ति मुहैया कराने में असमर्थता जताई है। सरकार कह चुकी है कि मौजूदा हालात में बिना बाधित बिजली सप्लाई करना बहुत लंबे समय तक संभव नहीं है और इसमें दिक्कत आ सकती है। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए गुरुवार को एक आपातकालीन बैठक भी की थी, जिसमें केंद्र से अनुरोध किया कि वह दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे।