नई दिल्ली: कोरोना वायरस के दिल्ली में फैलाव को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवालों के इलाज का पूरा इंतजाम हमने कर रखा है। हमारे पास पर्याप्त संख्या में बेड हैं। जरूरत से चार गुना ज्यादा इंतजाम हमने कर रखा है। हम दिल्ली को न्यूयॉर्क, स्पेन इटली नहीं बनने देंगे। वहीं बार्डर सील करने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि अगर बॉर्डर खोल दिये जाएं तो हमारे बेड दो दिन में भर जाएंगे। उन्होंने इंडिया टीवी के स्पेशल विशेष कार्यक्रम 'मुख्यमंत्री सम्मेलन' ये बातें कहीं।
इलाज का इंतजाम , कुछ दिनों में 9500 बेड हो जाएंगे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में लगभग 20000 मामले हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद मैं दिल्ली वालों को भरोसा दे पा रहा हूं कि उनके इलाज का इंतजाम हमने कर लिया है। दिल्ली के अस्पतालों में 2600 पेशेंट हैं और 6600 बेड का इंतजाम है। कुछ दिनों में 9500 बेड हो जाएंगे। वहीं बॉर्डर सील करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि बॉर्डर खोल दिए तो ये बेड दो दिन में भर जाएंगे।
दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित
दिल्ली के सीएम ने कहा-'हमें दिल्ली वालों के लिए बेड का इंतजाम करना है। इसलिए जब तक कोरोना है तब तक दिल्ली के अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित रखा गया है। इसके साथ ही बॉर्डर सील किए गए हैं। हमने लोगों से सुझाव मांगे हैं कि क्या केंद्र के अस्पतालों को देश भर के लिए और दिल्ली के अस्पतालों को दिल्ली वालों के लिए आरक्षित किया जाए।
इलाज के लिए भटकना पड़े यह हमारी कोशिश
हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों को कोरोना हो लेकिन उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़े यह हमारी कोशिश है। हम केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को पालन कर रहे हैं। ये ऐसी बीमारी है कि केंद्र के पास इस बीमारी के लिए ज्यादा रिसर्च है उनके पास जानकारी हमसे अच्छी है।
हमें इकोनॉमी ही नहीं जिंदगी को भी खोलना है
अब लोग बाहर निकल रहे हैं। एकबार जिंदगी लाइन पर आ गई और अच्छे से कोरोना से डील कर लें तो फिर सबकुछ सामान्य हो जाएगा। बहुत सारे लोगों की नौकरियां चली गई हैं। कुछ लोगों को कारोबार में दिक्कतें हो रही हैं क्योंकि उनको लेबर नहीं मिल रहे हैं। इन लोगों के लिए भी सरकार प्लानिंग कर रही है।
दिल्ली से साढ़े तीन से चार लाख लोग चले गए
दिल्ली से साढ़े तीन से चार लाख लोग गए हैं। 6 से 7 लाख लोगों ने वेबसाइट पर रजिस्टर कराया था लेकिन जब धीरे-धीरे लॉकडाउन में रियायतें मिलनी लगी तो कुछ लोग रुक गए । दो-तीन महीने इंतजार कीजिए एकबार जब सारी चीजें खुल जाएंगी तो जो लोग गए हैं वो लौट आएंगे। ज्यादा दिन लॉकडाउन रहा तो लोअर मिडिल क्लास पर ज्यादा असर पड़ना शुरू हो जाएगा। इसलिए कंपनियों को खोलना जरूरी है।