नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल नहर बनाने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है और जल बटवारा अलग विषय है। ऐसे में यह पंजाब सरकार का दायित्व है कि वह नहर का निर्माण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और अरविन्द केजरीवाल जब हरियाणा जाएंगे तो उन्हें एसवाईएल पर अपना रूख स्पष्ट करना होगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय महिला पत्रकारों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से 50-60 साल पहले पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या न के बराबर थी। आज महिलाओं ने पत्रकारिता में अपना खास मुकाम हासिल किया है। विशेषकर इलैक्ट्रोनिक मीडिया में महिला पत्रकारों का विशेष योगदान है। महिला पत्रकारों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सवालों के जवाब भी दिए।
महिला पत्रकारों से सीएम खट्टर ने की संवाद
हरियाणा में महिला सशक्तिकरण पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान की सफलता रही है। सरकार बनते ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कहा था कि हरियाणा कम लिंगानुपात के चलते काफी बदनाम है ऐसे में सामाजिक जुडाव के साथ एक कार्यक्रम शुरू करे। 22 जनवरी 2015 को पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान की शुरूआत हुई और लिंगानुपात एक हजार लड़को के पीछे 871 से बढ़कर 927 तक पहुंचा। यह एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन हम अभी भी इससे संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में खाप पंचायतों और अन्य सामाजिक संगठनों की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने कहा कि हमने 8 साल में 72 नए कॉलेज खोले जिनमें महिला कॉलेजों की संख्या अधिक रही। हमने लोकल बोडिज चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत रिप्रजेन्टेशन दिया। गांव में पढी लिखी पंचायतें चुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी।
महिला सुरक्षा पर क्या बोले मनोहर लाल खट्टर
महिला सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 से अधिक महिला थाने खोले गए। पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत हो गई जिसे हम 15 प्रतिशत कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की बेटियां खेल और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्होंने इसके लिए हिसार के एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का जिक्र भी किया जिसमें विभिन्न विषयों में 20 में से 18 मेडल बेटियों ने हासिल किए। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संकल्प को पुनः दोहराते हुए उन्होंने एक महिला पत्रकार द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हम भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करते।
'यूनिफॉर्म सिविल का करते हैं समर्थन'
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर उतराखंड सरकार द्वारा जल्द लागू करने के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इसका समर्थन करते है। इससे समाज में सामजस्य व समानता बढे़गी व राष्ट्रीयता की भावना बढे़गी। उन्होंने कहा कि यह अभी हमारे प्रदेश में यह मामला पाईपलाइन में है और जब जरूरत होगी हम इसे लागू कर देंगे। वन नेशन वन इलैक्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि खर्च व समय की बचत के लिए यह बहुत आवश्यक है। जातीय जनगणना के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा कभी जातिगत राजनीति नहीं करती। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है और हम हरियाणा एक हरियाणवी एक के सिंद्वात पर कार्य करते है। दिल्ली के खराब पर्यावरण के लिए हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों किसान धान की खेती से जुड़े है, और हम पराली की उपयोगिता को बढ़ाने पर फोकस कर रहे है। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री अमित अग्रवाल व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री राजीव जेतली भी मौजूद थे।
महिला पत्रकारों के सवालों का दिया जवाब
महिला पत्रकारों से संवाद के दौरान जब कुछ महिला पत्रकारों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के बाइक चलाने के वीडियो के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में बाइक चलाना शौक नहीं बल्कि जन जुड़ाव का माध्यम रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने बाइक पर बैठकर 1980 से 1994 तक प्रदेश के 4 हजार गांवों का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि 1980 में फरीदाबाद में प्रचारक बनकर गया तो प्रतिदिन 40 किलोमीटर का सफर साइकिल से कवर किया, इसके बाद लूना विक्की मोपेड मिली और फिर स्कूटर से 8 वर्षो तक घूमकर देश व समाज के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि कबड्डी मेरा पंसदीदा खेल, खाली समय मिलता है तो सुडोकू हल करता हूं। आज भी किसी राहगीरी के दौरान जब मौका मिलता है तो वह खिलाड़ियों के बीच जरूर जाते है। उन्होंने कहा कि खाली समय में सुडोकू हल करना मेरा शौक है इससे मुझे समस्याएं हल करने का बल मिलता है।
संवाद के दौरान जब कुछ महिला पत्रकारों ने उनसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ कार्य करते हुए किसी किस्से के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनके साथ कार्य करते हुए सैकड़ों प्रसंग है। उन्होंने कहा कि एक बार जब वह 1996 में संगठन महामंत्री थे और श्री नरेन्द्र मोदी क्षेत्र के प्रभारी तो वह एक दिन सुबह-सुबह रोहतक कार्यालय में तीन बडे़ डिब्बे लेकर पहुंचे। डिब्बे खोले तो उनमें कम्प्यूटर था जिसे यूनिवर्सिटी के एक इंजीनियर से एसम्बल करवाया। इसके बाद उन्होंने इसी कम्प्यूटर पर सबसे पहले काम करना सीखा जो चमत्कार जैसा था और तकनीक से जुड़ने की प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल मुझे आज तक याद है।