दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कथित शराब घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत देते हुए उन पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अंतरिम रिहाई की अवधि के दौरान वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
किसी फाइल पर नहीं कर सकते हस्ताक्षर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को 50 हजार रुपए का बेल बाउंड भरना होगा और इतनी ही राशि की श्योरिटी देन होगी। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल तब तक किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं, जब तक कि एलजी से मंजूरी लेने के लिए ऐसा करना आवश्यक ना हो।
सीएम से दूर रहनी चाहिए घोटाले की फाइल
केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी या बयानबाजी नहीं करेंगे। किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे। कथित शराब घोटाले मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल भी सीएम के पहुंच से दूर रहनी चाहिए।
अंतरिम जमानत कभी भी ली जा सकती है वापस
कोर्ट ने ये भी कहा कि अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच द्वारा बढ़ाया या वापस भी लिया जा सकता है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने ये सारी पाबंदिया लगाई हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट से सीएम को लगा झटका
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी है। इससे साफ है कि अरविंद केजरीवाल अभी जेल से जल्द बाहर नहीं आने वाले हैं।