दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत के तहत 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है। इस मामले की जांच ईडी के बाद अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है और उसने पहले ही केजरीवाल को कोर्ट में पेशी के बाद गिरफ्तार कर लिया था। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें शनिवार को एक बार फिर से कोर्ट में पेश किया गया था। सीबीआई ने कहा कि उसे "जांच और न्याय के हित" में केजरीवाल की हिरासत की आवश्यकता है, जिसके बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों की मंजूर कर ली।
इससे पहले शनिवार को, राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश सुनेना शर्मा ने अरविंद केजरीवाल को उनकी तीन दिन की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत में लाने का आदेश सुरक्षित रख लिया था। अपने रिमांड आवेदन में, सीबीआई ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और गोलमोल जवाब दिए।
सीबीआई के आरोप
अरविंद केजरीवाल को लेकर सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में दलील दी और कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जानबूझकर सवालों से बच रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली में शराब नीति घोटाले के प्रमुख व्यक्ति हैं और जेल से बाहर आने के बाद वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल ये नहीं बता पा रहे हैं कि शराब नीति को एक दिन में ही मंजूरी क्यों दी।
आप ने लगाया भाजपा पर आरोप, बीजेपी ने दिया जवाब
केजरीवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने भाजपा पर आरोप लगाया और कहा कि ये लोग केजरीवाल को जेल में ही रखना चाहते हैं। गोपाल राय ने कहा कि, "लोगों को यह विश्वास था कि भाजपा अपनी तानाशाही बंद कर देगी, लेकिन जिस तरह से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल में रखा गया है, उससे पता चलता है कि वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं। जब ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत दी तो ईडी हाईकोर्ट भाग गया और जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो सीबीआई ने एक दिन पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।"
गोपाल राय के आरोप पर दिल्ली भाजपा के चीफ ने कहा कि, क़ानून अपना काम कर रहा है, कोर्ट के आदेश पर वो जेल में हैं।