भारी बारिश के चलते पिछले सप्ताह यानी शुक्रवार (28 जून) को दिल्ली पानी-पानी हो गई। राजधानी दिल्ली के सभी इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई थी। सड़कों में इतना पानी भर चुका था कि कार और ट्रक तक आधे डूब गए थे। दिल्ली के वीवीआईपी बंग्लों (लुटिंयस इलाके) से लेकर आमलोगों के घरों में भी पानी घुस गया था। दिल्ली के ये हालात राजधानी में बादल फटने जैसी स्थिति की ओर इशारा कर रहे थे।
नहीं फटा बादल, स्थिति थी उसके करीब- IMD
वहीं, अब सोमवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 28 जून को हुई भारी बारिश को लेकर स्थिति साफ कर दी है। मौसम विभाग ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली में हुई भारी बारिश का कारण बादल फटना नहीं था, लेकिन ये स्थिति उसके बहुत करीब थी।
दिल्ली में 1 घंटे में हुई 91 मिलीमीटर बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि 28 जून को सुबह 5 बजे से 6 बजे तक दिल्ली में 91 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटों में ये बारिश 228.1 मिली दर्ज की गई। जो कि जून की औसत बारिश से 74.1 मिली से तीन गुना ज्यादा थी। आईएमडी के प्रमुख महापात्रा ने कहा कि एक दिन में 124.5 से 244 मिलीमीटर होने वाली बारिश को भारी बारिश कहा जाता है।
दिल्ली में इन कारणों से हुई भारी बारिश
दिल्ली में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के बारे में आईएमडी ने बताया कि बड़े पैमाने पर मानसून की मौसम प्रणालियों ने दिल्ली-एनसीआर में 'मेसोस्केल वस्कुलर' गतिविधि के लिए परिस्थितियां बनाईं। इसके चलते तेज गरज के साथ दिल्ली में 28 जून को जमकर भारी बारिश हुई।
मानसून के मौसम में लगभग 650 मिमी बारिश होती
बता दें कि आमतौर पर दिल्ली में मानसून के मौसम में लगभग 650 मिमी बारिश होती है। 28 जून को इस मौसम में भारी बारिश के पहले दिन राजधानी में कुल मानसून की लगभग एक तिहाई बारिश हुई।