नई दिल्ली. पूर्वांचल के लोग देशभर में छठ का त्योहार मना रहे हैं। राजधानी नई दिल्ली के यमुना घाटों से जहरीले झाग के बीच नदी में पूजा करते हुए लगातार सामने आ रही है। अब यमुना घाटों पर झाग बहने से रोकने के लिए लकड़ी के बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं। राजधानी के कालिंदी कुंज घाट पर भी ऐसे ही बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले यमुना में जहरीले झाग को लेकर आलोचनाओं के बीच दिल्ली सरकार ने इसे रस्सियों की मदद से हटाने के लिए मंगलवार को 15 नौकाओं को तैनात किया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की इस योजना का क्रियान्वयन सिंचाई बाढ़ नियंत्रण विभाग और राजस्व विभाग की मदद से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘नदी से झाग हटाने के काम में 15 दलों को तैनात किया गया है। यह काम तब तक चलेगा जब तक कि झाग पूरी तरह से हट नहीं जाते।’’ इस संबंध में एक अधिकारी ने इसे अस्थायी उपाय बताते हुए कहा कि यह समस्या तब तक बनी रहेगी जब तक कि दिल्ली के जलमल शोधन संयंत्रों को नए मानकों के अनुरूप अद्यतन नहीं किया जाता और इसका कोई तात्कालिक उपाय नहीं है।
यमुना की हालत पर जमकर हो रही राजनीति
दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस ने 75 वर्षों में यमुना को बचाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार वर्ष 2024 के अंत तक नदी को साफ करने का अपना वादा निभाएगी। जैन ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले हमने कहा था कि हम 2024 तक यमुना को साफ कर देंगे। कोरोना वायरस महामारी के कारण काम में देरी हुई लेकिन हम अपने वादे पर कायम हैं।’’