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पराली गलाने के लिए केंद्र डाले राज्यों पर बायो डीकम्पोजर के इस्तेमाल का दबाव: अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा उत्तर भारत में प्रदूषण का कारण बनी पराली को गलाने के लिए केंद्र अब राज्यों पर बायो डीकम्पोजर के इस्तेमाल का दबाव डाले।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 13, 2021 12:54 IST
पराली गलाने के लिए...- India TV Hindi
Image Source : PTI पराली गलाने के लिए केंद्र डाले राज्यों पर बायो डीकम्पोजर के इस्तेमाल का दबाव: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा उत्तर भारत में प्रदूषण का कारण बनी पराली को गलाने के लिए केंद्र अब राज्यों पर बायो डीकम्पोजर के इस्तेमाल का दबाव डाले। उन्होंने कहा, जैसे दिल्ली सरकार ने सारे किसानों के खेतों में मुफ्त बायो डीकम्पोजर का छिड़काव किया, ऐसे ही आस पड़ोस के सारे राज्यों की सरकारों को निर्देश दिए जाएं कि वे भी किसानों के खेतों में मुफ्त बायो डीकम्पोजर का छिड़काव करें।

सीएम ने कहा, ''10 अक्टूबर से दिल्ली की हवा फिर खराब होने लगेगी, आस पास के राज्यों में जो पराली का धुआं जलाया जाता है उसकी वजह से हवा खराब होती है। अभी तक सरकारें एक दूसरे पर इसको लेकर छींटाकशी कर रही थी लेकिन हमें इसका समाधान निकालना है और दिल्ली सरकार समाधान निकालने पर विश्वास रखती है और पिछले साल दिल्ली सरकार ने इसका समाधान निकाला। जैसे दिल्ली के किसान खुश हैं तो आस पड़ोस के किसान भी खुश हो सकते हैं, अगर केंद्र सरकार राज्यों को इसके इस्तेमाल के लिए बाध्य करें। यह इतना सस्ता है कि कोई भी राज्य सरकार फ्री में इसका छिड़काव करा सकती है।'' उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट लेकर मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के पास जाऊंगा।

केजरीवाल ने कहा, धान की फसल लगभग अक्टूबर के महीने में किसान काटता है और जब फसल कटती है तो डंठल बच जाता है जिसे पराली कहते हैं, इसके बाद किसान को थोड़ा ही समय मिलता है और उसे गेहूं की खेती करनी पड़ती है, इस समय के बीच किसान को इस डंठल से मुक्ति पानी होती है और किसान पराली को आग लगा देता है जिससे खेत साफ हो जाता है। इसके बाद वह फिर से गेहूं की खेती कर लेता है। प्रदूषण की यही वजह है।

उन्होंने कहा, अभी तक हमने किसानों को इसको लेकर टारगेट किया, जो किसान अपने खेत को जलाएगा उसपर पैनल्टी लगाई जाएगी। लेकिन दोष सरकार का है न कि किसान का। पिछले साल दिल्ली सरकार ने समाधान निकाला, पूसा इंस्टिट्यूट ने बायो डीकंपोजर बनाया जो बेहद सस्ता है, उसे हमने दिल्ली के 39 गांवों में 1935 एकड़ जमीन पर इसका छिड़काव किया। छिड़काव से डंठल जल सड़ जाता है और उसे काटना या जलाना नहीं पड़ता, इसके शानदार नतीजे आए। दिल्ली सरकार उन सभी किसानों से बात की है जिन्होंने इसे इस्तेमाल किया, सभी किसान खुश थे।

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