दिल्ली सरकार के वित्त साल 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये के ‘रोजगार’ बजट को मंगलवार को बहस के बाद विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया। बजट सत्र के समापन के बाद अध्यक्ष ने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। बजट सत्र 23 मार्च को शुरू हुआ था।
बजट में खुदरा क्षेत्र को बढ़ावा, बिना मंजूरी वाले क्षेत्रों के प्रसिद्ध बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास, स्टार्टअप, पर्यटन और रात के समय की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के जरिये अगले पांच वर्षों में 20 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
बजट पर बहस में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘कट्टर देशभक्ति, कट्टर ईमानदारी और मानवता’ आम आदमी पार्टी की विचारधारा के तीन स्तंभ हैं और दिल्ली के 2022-23 के बजट में ये प्रदर्शित होते हैं। केजरीवाल ने सदन में कहा, 'विधानसभा में प्रस्तुत बजट कोई साधारण दस्तावेज नहीं है, यह ऐतिहासिक है। स्वतंत्र भारत में पहली बार ‘रोजगार बजट’ पेश किया गया है।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'बजट सभी के लिए खुशहाली लाने को तैयार किया गया है। हम अपनी विचारधारा के कारण ‘रोजगार बजट’ लाए हैं। कट्टर देशभक्ति, ईमानदारी और मानवता हमारी विचारधारा के तीन स्तंभ हैं।' वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बजट दिल्लीवासियों से प्राप्त 6,500 सुझावों के आधार पर तैयार किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था पर हमारी टीम द्वारा विभिन्न संघों और नियामक निकायों के साथ 150 से अधिक बैठकें आयोजित की गई। इसके बाद बजट में प्रतिष्ठित बाजारों का पुनर्विकास, आईटी पार्क, स्टार्टअप नीति, ई-कॉमर्स को बढ़ावा, नयी नौकरियों का सृजन जैसे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए गए हैं।’