दिल्ली के पॉश इलाके में कैफे के बाहर फायरिंग का मामला सामने आया है। हालांकि, इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि गोली किसी को लगी नहीं। फायरिंग की घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कैफे में बैठे लोग जल्दी-जल्दी बाहर निकल गए। पुलिस ने इस मामले में अहमद नाम के लड़के को पकड़ा और पूछताछ की। इसके बाद अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली के सत्य निकेतन में लव बाइट्स कैफे के बाहर फायरिंग हुई है। पुलिस के मुताबिक दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से कुछ लड़के बर्थडे मानने आए थे। ये लड़के पार्टी कर रहे थे और सीट को लेकर कैफे के मैनेजर से लड़कों का झगड़ा हुआ। विवाद के बाद लड़कों ने कैफे के बाहर हवाई फायरिंग कर दी। गनीमत ये रही कि गोली किसी को लगी नहीं। फायरिंग जिस पिस्तौल से की गई है, वह लाइसेंस वाली थी या अवैध थी इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, दिल्ली पुलिस अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
दिल्ली में मध्य प्रदेश से आ रहे अवैध हथियार
दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो अपने लेन-देन के लिए सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल करते थे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, आरोपी मध्य प्रदेश के खरगोन से हथियार खरीदते थे और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में उसकी आपूर्ति करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश निवासियों अरविंद कुमार (45) और विनोद कुमार (48) के रूप में की गई है और उनके पास से 0.32 बोर की आठ देशी पिस्तौल बरामद की गई हैं। पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने बताया कि 19 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली थी कि दो हथियार तस्कर अवैध हथियारों की खेप पहुंचाने के लिए जैतपुर में आगरा कनाल रोड पर पहुंचेंगे।
जाल बिछाकर पकड़े तस्कर
पुलिस उपायुक्त कौशिक ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम गठित की गई, जिसने कनाल रोड के पास जाल बिछाकर दोनों को पकड़ लिया और उनके पास से आठ पिस्तौल बरामद की गईं। अधिकारी ने बताया कि आरोपी आठ साल से हथियारों की तस्करी कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि वे मध्य प्रदेश के खरगोन में अवैध हथियार बनाने वालों के संपर्क में थे। कौशिक ने कहा, "वे सोशल मीडिया मंच के माध्यम से हथियारों के आपूर्तिकर्ताओं और प्राप्तकर्ताओं से संपर्क करते थे। उन्होंने 12,000 से 15,000 रुपये प्रति हथियार के मूल्य पर इन्हें खरीदा। वे इसे 25,000 से 30,000 रुपये प्रति हथियार की दर से बेचते थे।" उन्होंने बताया कि अरविंद के खिलाफ पहले भी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 11 मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
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