Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. कोरोना ने नेत्रहीन माता-पिता से 9 माह के बच्चे को छीना, 5 महीने की 'परी' की भी गई जान

कोरोना ने नेत्रहीन माता-पिता से 9 माह के बच्चे को छीना, 5 महीने की 'परी' की भी गई जान

अपने नेत्रहीन माता-पिता की इकलौती संतान 9 माह के कृशु की दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के कारण मौत हो गई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : May 14, 2021 11:36 IST
Blind parents child coronavirus, Blind parents child coronavirus death, child coronavirus death
Image Source : PTI REPRESENTATIONAL कृशु की मां करीब 18 दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं।

नई दिल्ली: अपने नेत्रहीन माता-पिता की इकलौती संतान 9 माह के कृशु की दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के कारण मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चे का पिता एक अन्य अस्पताल में संक्रमण से जूझ रहा है। बीजेपी के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह ‘शंटी’ ने गुरुवार की शाम को ओल्ड सीमापुरी के एक शवदाहगृह में कृशु को दफनाया। 2 दिनों में यह दूसरी बार है जब सिंह ने इतने छोटे बच्चे को दफनाया है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 2,000 से अधिक अनजान लोगों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर चुके सिंह (59) ने बुधवार शाम को उसी जगह के पास 5 महीने की परी को दफनाया था जहां कृशु अब हमेशा के लिए सो गया है।

18 दिन पहले मां हुई थी कोरोना संक्रमित

कृशु के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था जो पूर्वी दिल्ली में दिलशाद गार्डन में रहते हैं। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘दोनों माता-पिता नेत्रहीन हैं।’ रिश्तेदार ने बताया कि कृशु की मां करीब 18 दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी और चूंकि उसने बच्चे को स्तनपान कराया था तो वह भी बीमार हो गया। कुछ दिनों पहले कृशु को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई। उसके पिता शशांक शेखर (26) ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपर स्पैश्यिलिटी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं।

‘अब मैं अपने पति को भी नहीं खोना चाहती’
बच्चे की मां ज्योति ने रोते हुए फोन पर बताया, ‘उन्हें नहीं पता कि आज उन्होंने अपना प्यारा कृशु खो दिया है। कृपया उन्हें मत बताना। अब मैं उन्हें भी नहीं खोना चाहती।’ परी के पिता प्रह्लाद (30) ने कहा कि उनकी ‘लाली’ को कुछ दिनों से तेज बुखार था। वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी इलाके में रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उसे नजदीक के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां उसकी हालत बिगड़ गई। फिर हम उसे गीता कॉलोनी में स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय लेकर गए जहां डॉक्टरों ने RT-PCR जांच की, जिसमें वह संक्रमित आयी।’

‘मैं इसे आसानी से नहीं भूल पाऊंगा’
परिवार को गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेज दिया गया जहां 6 मई को परी को वेंटीलेटर पर रखा गया। पिता ने बताया कि बच्ची की मां पूरे दिन अस्पताल में रहती थी। प्रह्लाद ने कहा, ‘मेरे पास जितना पैसा था मैंने सारा खर्च कर दिया लेकिन उसे बचा नहीं सका।’ परी की सुबह करीब साढ़े 11 बजे मौत हो गई। BJP के पूर्व विधायक सिंह ने कहा, ‘हमारा दिल टूट गया है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं यहां इतने छोटे बच्चों का अंतिम संस्कार करुंगा। मैं इसे आसानी से नहीं भूल पाऊंगा।’

‘बच्चे इतने छोटे थे कि...’
उन्होंने कहा कि बच्चे इतने छोटे थे कि उन्हें यह भी नहीं पता कि अपनी परेशानी माता-पिता को कैसे बताएं। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने पहले भी किसी बच्चे का अंतिम संस्कार किया है, इस पर सिंह ने कहा, ‘मैंने पहले कभी इतनी उम्र के किसी बच्चे को कोविड-19 के कारण मरते सुना या देखा नहीं। यह पहली बार है। हालात बहुत डरावने हैं।’

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement