दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है। दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव को लेकर एक तरफ जहां तीखी बयानबाजी जारी है वहीं दूसरी तरफ फ्री बीज के ऐलान को लेकर सिययासी हलचल भी तेज है। रोहिणी विधानसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर है, इस सीट पर भाजपा ने पिछली बार जीत दर्ज की थी तो वहीं आम आदमी पार्टी इस बार इस सीट पर कब्जे की पूरी कोशिश करेगी। अगर इस बार भाजपा की जीत होती है तो यह उसके लिए हैट्रिक साबित होगी।
रोहिणी सीट पर भाजपा ने दर्ज की थी पहली जीत
रोहिणी विधानसभा सीट का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी और इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2008 के चुनाव में रोहिणी विधानसभा सीट से कुल सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। तो वहीं कुल 89192 लोगों ने मतदान किया था और भाजपा के जय भगवान अग्रवाल ने पहली बार इस सीट से जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के विजेन्द्र जिंदल दूसरे नंबर पर रहे। जय भगवान अग्रवाल को 55793 वोट मिले। कांग्रेस के विजेन्द्र जिंदल को 30019 वोट से संतोष करना पड़ा। तो वहीं बसपा के ओपी मल्होत्रा 2293 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
2013 में आम आदमी पार्टी के हिस्से आई रोहिणी सीट
2008 के बाद जब साल 2013 में दूसरी बार रोहणी सीट पर चुनाव हुए तो इस सीट से आम आदमी पार्टी को जीत मिली और राजेश गर्ग ने जीत दर्ज की। भाजपा के जय भगवान अग्रवाल चुनाव हार गए थे। आप के राजेश गर्ग ने 47890 वोट मिले वहीं, जय भगवान अग्रवाल को 46018 वोट मिले। दोनों के बीच जीत का अंतर 1872 वोट का था।
फिर से भाजपा के खाते में चली गई रोहिणी सीट
फिर आया 2015 का विधानसभा चुनाव, जिसमें दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली। बची तीन सीटें भाजपा के खाते में गईं। जिन तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी उनमें रोहिणी विधानसभा सीट भी शामिल थी। भाजपा ने 1013 के बाद 2015 में एक बार फिर से जीत दर्ज की। भाजपा के विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के सीएल गुप्ता को 5,367 वोट से हरा दिया। विजेंद्र गुप्ता को इस चुनाव में 59,866 वोट मिले, वहीं आप के सीएल गुप्ता को 54499 वोट से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के सुखबीर शर्मा को केवल 3347 वोट मिले।
साल 2020 में भी रोहिणी सीट पर भाजपा का कब्जा रहा और पार्टी के विजेंद्र गुप्ता इस सीट से जीत गए। उन्हें 2015 से भी ज्यादा 62,174 वोट मिले। वहीं, आम आदमी पार्टी के राजेश नामा बंसीवाला को 49,526 वोट मिले थे।
इस बार रोहिणी सीट पर कड़ा है मुकाबला
भाजपा ने इस बार भी अपने विजेता रहे विजेन्द्र गुप्ता को ही रोहिणी सीट से मैदान में उतारा है। गुप्ता रोहिणी से तीन बार के पार्षद भी रह चुके हैं। दो बार से यहां के विधायक चुने जा रहे हैं। आप ने रोहिणी से प्रदीप मित्तल को मैदान में उतारा है। प्रदीप मित्तल दिल्ली नगर निगम में वार्ड 21, रोहिणी ए के पार्षद भी हैं। कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई नाम इस सीट पर तय नहीं किया गया है। इस बार अगर भाजपा को जीत मिलती है तो पार्टी यहां से जीत की हैट्रिक लगाएगी। वहीं, आम आदमी पार्टी को अगर जीत मिलेगी तो 12 साल बाद उसकी इस सीट पर बड़ी वापसी होगी। जबकि, कांग्रेस समेत किसी अन्य उम्मीदवार के जीतने पर ये रोहिणी में उसकी पहली जीत होगी।