नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में प्रदूषण रोकने में केजरीवाल सरकार को विफल बताया है। बीजेपी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 2 साल पहले 1,000 इलेक्ट्रिक बसों की अनुमति दी थी, लेकिन अभी तक एक भी बस नहीं खरीदी गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 2018 में वह ग्रीन बजट लाए थे, 26 घोषणाएं हुई लेकिन ज्यादातर घोषणा आज तक लागू नहीं हुई, न ही एंटी स्मॉग टावर लगाए गए। उन्होंने पूछा कि आखिर 2 साल से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?
‘दिल्ली में पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित’
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की हवा व पानी साफ हो गए थे, परन्तु आज वायु व जल प्रदूषण के कारण दिल्ली की स्थिति बहुत खराब हो गई है, लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी, केजरीवाल सरकार इस खतरे से दिल्ली के लोगों को बचाने व राहत देने के लिए कुछ नहीं कर रही है।’ उन्होंने कहा कि यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण और अमोनिया का स्तर 3 PPM तक पहुंचने के कारण आज सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र में पानी को साफ करने का कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित है। इनकी वजह से पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली में पानी की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हो गई है।
‘लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है’
उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में फैक्ट्री 3 महीने पहले ही खुल गई थी लेकिन उसके बाद भी यमुना का पानी साफ रहा। आज यमुना दिल्ली की फैक्ट्रियों के पानी से दूषित हुई है। केजरीवाल सरकार के जल बोर्ड व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बताना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ? और वह इस समस्या से निपटने के लिए क्या कर रहे हैं?’ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल को पता था कि यमुना दूषित हो रही है तो उन्होंने नए प्लांट क्यों नहीं लगाए? प्रदूषण रोकने के प्रबंध क्यों नहीं किए? नालों को यमुना में जाने से क्यों नहीं रोका? उनकी विफलता के कारण आज इसी पानी से कई जगह खेती होती है और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। (IANS)