Highlights
- मेयर प्रत्याशी के साथ हुआ अजीबोगरीब वाकया
- घर पर आए पार्सल से मिलीं आपत्तिजनक चीजें
- प्रत्याशी रत्ना ने अपनी जान का भी खतरा बताया
Bihar News: बिहार में नगर निगम चुनाव में मेयर पद की एक प्रत्याशी के साथ अजीबोगरीब वाकया हुआ है, जो चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, पटना नगर निगम चुनाव में मेयर प्रत्याशी रत्ना पुरकायस्थ को रविवार रात किसी ने पार्सल में मांस का टुकड़ा, सिंदूर और भस्म भेज दिया। इस घटना से प्रत्याशी और उनका परिवार खौफजदा हो गए। रत्ना पुरकायस्थ शास्त्री नगर थाना अंतर्गत पुनाईचक स्थित वीणा श्री अपार्टमेंट में रहती हैं।
रत्ना जब फ्लैट पर वापस लौटीं तब उनको पार्सल मिला
जानकारी के मुताबिक, रत्ना पुरकायस्थ रविवार की रात नवरात्रि के मौके पर जनसंपर्क के लिए बाहर निकली थीं। उनके फ्लैट पर उनके नाम से एक पार्सल आया, जिसे गार्ड ने रख लिया। आधी रात को रत्ना जब फ्लैट पर वापस लौटीं तब उनको पार्सल मिला। घर जाकर पार्सल खोला तो पैकेट में एक पेपर था, जिसमें मांस के टुकड़े (कलेजा और फेफड़े) रखे हुए थे। इसके साथ ही उसमें सिंदूर लगा था और भस्म जैसी चीजें भी थीं।
परिजनों ने इसकी सूचना डायल 100 को कॉल कर दी
पार्सल में इस तरह की चीजों को देखकर पूरा परिवार दहशत में आ गया। इसके बाद उन्होंने शास्त्री नगर थाने को कॉल किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला, तब मेयर प्रत्याशी के परिजनों ने इसकी सूचना डायल 100 को कॉल करके दी।
जब यह पार्सल डिलीवर हुआ, तब वह घर पर नहीं थीं
इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की छानबीन की। इसके बाद प्रत्याशी रत्ना अपने परिवार के साथ शास्त्री नगर थाना पहुंचीं और मामला दर्ज कराया। यहां उन्होंने पुलिस को बताया कि जब यह पार्सल डिलीवर हुआ, तब वह घर पर नहीं थीं। अजीबोगरीब पार्सल मिलने के बाद प्रत्याशी रत्ना का पूरा परिवार दहशत में है। प्रत्याशी रत्ना ने अपनी जान का भी खतरा बताया है। रत्ना ने कहा है कि कूरियर पर उनका पूरा पता लिखा था, जिसने भी ये पार्सल भेजा होगा, उसे उनके ठिकाने और उनके डेली रूटीन की पूरी जानकारी होगी।
बिहार में नगर निकाय चुनाव पर HC ने लगाई रोक
गौरतलब है कि इस बीच, पटना हाई कोर्ट ने राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर आरक्षण के मसले को लेकर लगभग रोक लगा दी है। पटना हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इस चुनाव की प्रक्रिया में पालन नहीं किया। पटना हाई कोर्ट ने अपने इस फैसले में सबसे ज्यादा नाराजगी राज्य निर्वाचन आयोग पर जताई है।