नई दिल्ली: ड्रग्स पर नकेल कसने की कोशिशों के बीच एक बड़े ड्रग्स नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। इस ऑपरेशन को एनसीबी, स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया है। दिल्ली में 50 किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन जब्त किया गया और तीन लोगों को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया गया। ये नेटवर्क इतना बड़ा है, जिसकी शाखाएं भारत समेत न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया तक फैली हुई हैं।
2 हजार करोड़ के ड्रग्स की सप्लाई
पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद ये खुलासा हुआ कि इन लोगों ने बीते 3 सालों में कुल 45 खेप भेजी हैं, जिसमें लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन था। इसकी इंटरनेशनल मार्केट में अनुमानित कीमत 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा थी।
इस सांठगांठ के मास्टरमाइंड की पहचान एक तमिल फिल्म निर्माता के रूप में की गई है, जो फरार है। उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे स्यूडोएफ़ेड्रिन के स्रोत का पता लगाया जा सके। ये जानकारी एनसीबी ने दी है।
कैसे होती थी ड्रग्स की तस्करी?
ये तस्करी हेल्थ मिक्स पाउडर, सूखे नारियल जैसे खाद्य उत्पादों की आड़ में हवाई और समुद्री कार्गो के माध्यम से की जा रही थी। एनसीबी पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
न्यूजीलैंड के सीमा शुल्क अधिकारियों और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से जानकारी मिली थी कि सूखे नारियल के पाउडर में छिपाकर बड़ी मात्रा में स्यूडोफेड्रिन दोनों देशों में भेजा जा रहा था। इस खेप का स्रोत दिल्ली था।
स्यूडोएफ़ेड्रिन का उपयोग मेथमफेटामाइन बनाने के लिए किया जाता है जो दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाली दवा है और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम बिकती है।