दिल्ली के कई स्कूलों को फिर बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी लगभग 40 स्कूलों को मेल के जरिए दी गई है। डीपीएस आर के पुरम और पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल में बम की धमकी मिलने के बाद स्कूलों ने बच्चों को वापस भेज दिया है। फायर और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी गई है। सुबह 7 बजे बम की धमकी के बारे में जानकारी दी गई है। इस समय तक बच्चे स्कूल पहुंच गए थे। ऐसे में उन्हें वापस घर भेजा गया। इस साल स्कूल, अस्पताल और प्लेन में बम होने के कई झूठे मेल आए हैं। अधिकतर मौकों पर ये धमकी भरे मेल या फोन कॉल झूठे साबित हुए हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से सावधानी बरती जा रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रात में तकरीबन 11:30 से 12 बजे के बीच बम की धमकी वाला मेल आया था। सुबह जब स्कूल प्रशासन ने मेल चेक किया उससे बाद पुलिस को सूचना दी और बच्चों की एहतियातन छुट्टी कर दी गई। करीब 40 स्कूलों को ये धमकी भरे मेल भेजे गए हैं। अभी फिलहाल कई टीमें स्कूल के अंदर छानबीन में लगी हुई है, जांच में अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है, पुलिस तलाश में जुटी हुई है। दिल्ली के 40 स्कूलों में से डी. पी. एस आर के पुरम के साथ साथ डी. पी. एस वसंत कुंज को भी मेल के जरिये बम की धमकी मिली है। स्कूल को बंद करा गया मौके पर पुलिस जांच कर रही है
की गई 30 हजार डॉलर की मांग
मेल में लिखा है,"मैंने इमारत के अंदर कई बम (लेड एजाइड) लगाए। मैंने इमारत के अंदर कई बम (लेड एजाइड) लगाए। बम छोटे हैं और बहुत अच्छी तरह से छिपे हुए हैं। यह इमारत को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन बमों के विस्फोट होने पर कई लोग घायल हो जाएंगे। आप सभी को पीड़ा और अंग खोने का हक है। अगर मुझे 30,000 डॉलर नहीं मिले तो मैं बम विस्फोट कर दूंगा।"
इससे पहले भी मिली धमकी
इसी साल मई के महीने में कम से कम 60 स्कूलों में बम होने के धमकी भरे मेल आए थे। स्कूल प्रशासन ने इसकी सूचना दिल्ली पुलिस को दी थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं। हालांकि, जांच में कोई भी बम नहीं मिला था या किसी भी तरह से बच्चों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था। पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के स्कूलों को ये मेल मिले थे। इस साल प्लेन में बम होने की कई झूठी धमकियां मिली हैं। इनकी वजह से फ्लाइट प्रभावित हुईं और एयरलाइन को नुकसान हुआ है।
विदेशी सर्वर वीपीएन के जरिए आते हैं मेल
मेल के जरिए बम की झूठी धमकी देने वाले अपराधी वीपीएन और विदेशी सर्वर का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों की परेशानी बढ़ जाती है। वीपीएन की मदद से भेजे गए मेल का एड्रेस नहीं पता चलता। ऐसे में मेल किसने भेजा है और कहां से भेजा है। इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। वहीं, विदेशी सर्वर में भारतीय एजेंसियां नहीं जांच कर सकती है। ऐसे में उन्हें संबंधित देश के अधिकारियों से बात करनी पड़ती है। इसमें समय लगता है और कई बार जानकारी नहीं भी मिल पाती है। इसी का फायदा उठाकर अपराधी धमकी भरे मेल करते रहते हैं।