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MCD मेयर चुनाव से पहले AAP ने चला बड़ा दांव, इन विधायकों को नगर निगम में किया मनोनीत

दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्थानीय शहरी निकाय के लिए हर पांच साल में चुनाव कराना अनिवार्य है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि सत्ता में बने रहने के लिए कौन सी पार्टी बहुमत में है।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Dec 24, 2022 8:39 IST, Updated : Dec 24, 2022 8:39 IST
आम आदमी पार्टी
Image Source : FILE आम आदमी पार्टी

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी के 14 विधायकों को दिल्ली नगर निगम (MCD) के लिए मनोनीत किया है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में दी गई। मनोनीत सदस्यों में आतिशी (कालकाजी), अखिलेश पति त्रिपाठी (मॉडल टाउन), दिनेश मोहनिया (संगम विहार), दुर्गेश कुमार (राजिंदर नगर), गुलाब सिंह (मटियाला), जरनैल सिंह (तिलक नगर) और मोहिंदर गोयल (रिठाला) शामिल हैं। प्रमिला टोकस को आर के पुरम से, राजकुमारी ढिल्लों को हरी नगर से, राजेश गुप्ता को वजीरपुर से, ऋतुराज गोविंद को किराड़ी से, संजीव झा को बुराड़ी से, विनय मिश्रा को द्वारका से और अनिल कुमार बाजपेई को गांधी नगर से मनोनीत किया गया है। 

आप ने घोषित किए मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवार 

वहीं इससे पहले आम आदमी पार्टी ने अपना मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। आप ने शैली ओबरॉय को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही डिप्टी मेयर उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल होंगे। बता दें शैली ओबरॉय पटेल नगर विधानसभा के वार्ड 86 से पार्षद हैं, वहीं मोहम्मद इकबाल मटिया महल के वार्ड 76 से पार्षद हैं।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को 250 सीटों में से 134 और भाजपा को 104 सीटें मिलीं हैं। आंकड़ों को देखें तो इस समय आप के पास बहुमत है लेकिन बीजेपी MCD में अपना मेयर बनाने का दावा कर रही है। इस लिहाज से लड़ाई रोचक हो गई है। आगामी 6 जनवरी 2023 को दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक होनी है। इसी में मेयर और डिप्टी मेयर पर फैसला होगा। 

कैसे होता है मेयर का चुनाव, जानिए पूरी प्रक्रिया 

दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्थानीय शहरी निकाय के लिए हर पांच साल में चुनाव कराना अनिवार्य है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि सत्ता में बने रहने के लिए कौन सी पार्टी बहुमत में है। अधिनियम की धारा 35 में कहा गया है कि नागरिक निकाय को प्रत्येक वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव करना चाहिए।

बहुमत वाली पार्टी मनोनीत करेगी पार्षद का नाम

हालांकि सदन में स्पष्ट बहुमत वाली पार्टी पार्षद का नाम मेयर पद के लिए मनोनीत कर सकती है। लेकिन, अगर कोई विपक्षी दल फैसले का विरोध करता है और अपने उम्मीदवार को नामांकित करता है, तो चुनाव होगा। यदि सत्ता में पार्टी से केवल एक उम्मीदवार है, तो उन्हें महापौर नियुक्त किया जाएगा। एक चुनाव के मामले में, सबसे अधिक वोट वाले उम्मीदवार को मेयर चुना जाएगा।

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