नई दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने गुरुवार को कहा कि कश्मीरी आतंकवादियों से उनका कोई संपर्क या रिश्ता नहीं है। खान ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदेशा है कि उन्हें आतंकवाद या दंगों के किसी मामले में ‘फंसाया’ जा सकता है। दरअसल, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने आतंकवाद की फंडिंग के मामले में उनके घर और दफ्तर पर छापा मारा है। खान ने ट्विटर पर दावा किया कि उनके यहां छापा मारने का आदेश ‘ऊपर’ से आया है और NIA के अधिकारी उनके घर पर दीवार फांदकर कर घुसे जिससे उनकी ‘बेसब्री’ प्रदर्शित होती है।
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‘मेरा कश्मीरी आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं है’
खान ने ट्वीट किया, ‘हालांकि मेरा कश्मीरी आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं है, यहां तक कि कोई संपर्क नहीं है और कई सालों से कश्मीर तक नहीं गया हूं। ऐसा लगता है कि यह आतंकवाद या दंगे के किसी मामले में मुझे फंसाने की कोशिश है।’ एक अन्य ट्वीट में खान ने कहा, ‘NIA के लोगों ने कहा कि छापा मारने का आदेश बहुत ऊपर से आया है और पत्रकार के घर पर छापा मारने के बड़े काम के लिए उन्हें सुबह 4 बजे जगाया गया। उनमें सब्र नहीं था। वे दीवार फांद कर मेरे घर में घुसे जैसा उन्होंने चिदंबरम के साथ किया था।’
‘घर और दफ्तर में सुबह 4 घंटे तक हुई छापेमारी’
खान ने कहा कि NIA के अधिकारियों ने उनके घर और दफ्तर में सुबह 4 घंटे तक छापेमारी की कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि वे अपने साथ कई कागज, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और नकद समेत कई चीजें ले गए हैं। खान ने कहा, ‘मेरे घर और दफ्तर पर NIA ने आज सुबह 7 बजे से सुबह 11 बजे तक छापेमारी की। वे कई कागज, सभी लैपटॉप, सभी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क और नकद आदि ले गए। उन्होंने कश्मीर के आतंकवाद से मुझे और मेरे एनजीओ को जोड़ने के वास्ते छापा मारने के लिए NIA के किसी यादव द्वारा जारी आदेश अपने फोन पर दिखाया।’ (IANS)