दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखकर मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल तोड़े जाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली के मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने चिट्ठी में कहा कि दिल्ली में कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थल नहीं तोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बौद्ध धार्मिक स्थलों से दलित समुदाय की आस्था जुड़ी हुई है। कोई भी धार्मिक स्थल तोड़ने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक कमिटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए मंदिर तोड़ने की फाइल उपराज्यपाल को भेजी है।
LG की टिप्पणी पर आतिशी का पलटवार
इससे पहले सोमवार को आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की टिप्पणी पर पत्र लिखकर जवाब दिया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को कामचलाऊ मुख्यमंत्री करार दिए जाने पर चिंता व्यक्त की थी और इसे "संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की घोर अवहेलना" बताया था। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान है, जिन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया और यह उपराज्यपाल का भी अपमान है, क्योंकि वह खुद भी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि हैं।
LG दफ्तर को बीजेपी का प्रॉक्सी बताया
इस पर आतिशी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उपराज्यपाल कार्यालय भाजपा के "प्रॉक्सी" के रूप में काम कर रहा है और केजरीवाल दिल्ली के सबसे बड़े नेता हैं। उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में आतिशी ने कहा, "आप गंदी राजनीति करने की वजह दिल्ली की बेहतरी पर ध्यान दीजिए। अरविंद केजरीवाल जी ने साढ़े नौ साल दिल्ली की बेहतरी के लिए काम किया। मैं अरविंद केजरीवाल जी द्वारा दिखाए रास्ते पर सरकार चला रहीं हूं।" इसके अलावा उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते मैं आपके द्वारा महिला सम्मान योजना में अड़ंगा डालने से व्यक्तिगत रूप से आहत हूं। (भाषा इनपुट के साथ)
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