दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लाया गया विश्वास प्रस्ताव शनिवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, जो ‘‘किसी भी तरह से उसे कुचलना चाहती है’’। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ने 54 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीता और कहा कि उनकी पार्टी के किसी भी विधायक ने दलबदल नहीं किया है। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान ‘आप’ के 62 में से 54 विधायकों के ही मौजूद रहने पर केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के किसी विधायक ने दल नहीं बदला। उन्होंने कहा कि दो विधायक जेल में हैं, कुछ अस्वस्थ हैं तो कुछ शहर से बाहर हैं। मुख्यमंत्री ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि भाजपा के लिए आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी चुनौती है और यही वजह है कि उस पर चौतरफा हमले हो रहे हैं।
केजरीवाल ने जीता विश्वास मत
उन्होंने पूर्व में आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनकी सरकार को गिराने के लिए आप विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बृहस्पतिवार को कथित तौर पर बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा के आठ विधायकों में सात को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एकमात्र विपक्षी विधायक थे जो विश्वास मत के दौरान सदन में मौजूद थे। बिधूड़ी ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि ‘आप’ सरकार के पास सदन में बहुमत है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों का विश्वास खो दिया है।’’ उन्होंने सदन में कहा, ‘‘सरकार पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं और वह कई मोर्चों पर विफल रही है। केजरीवाल और उनकी मंत्री आतिशी उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों पर भाजपा की शिकायत पर पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।’’
भाजपा पर जमकर बरसे केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार के पास सदन में बहुमत है लेकिन उसे विश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत है क्योंकि भाजपा पार्टी के विधायकों को तोड़ने और उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा इस साल का लोकसभा चुनाव जीत जाए लेकिन ‘आप’ 2029 के चुनावों में देश को उससे “मुक्त” कराएगी। ‘आप’ संयोजक ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा यह ‘अफवाह’ फैला रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली विधानसभा भंग कर दी जाएगी। केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह देश किसी की संपत्ति नहीं है। वे विधानसभा को ऐसे ही भंग नहीं कर सकते। मैं भाजपा को इस मुद्दे पर चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा भंग करेंगे।’’
'भाजपा कुचलना चाहती है'
उन्होंने ‘आप’ विधायकों से लोगों को यह बताने को कहा कि अगर उन्होंने भाजपा को वोट दिया तो वह उनका वोट देने का अधिकार छीन लेगी। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सेवा विभाग और नौकरशाही पर नियंत्रण के माध्यम से भाजपा उनकी सरकार के काम में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वे राम भक्त होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने हमारे अस्पतालों में गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद कर दीं। क्या भगवान राम ने गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद करने के लिए कहा था?’’ केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अतीत में हमलों का सामना किया है, उन्हें थप्पड़ मारे गए, उन पर स्याही फेंकी गई और अब वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं।
उन्होंने पूछा, ‘‘आप मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं लेकिन आप केजरीवाल के विचारों को कैसे खत्म करेंगे?’’ बिधूड़ी ने दावा किया कि ‘आप’ सरकार दिल्ली जल बोर्ड, बसों में ‘पैनिक बटन’ और अस्पतालों में दवा आपूर्ति समेत अन्य घोटालों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए विश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ पर भाजपा हर तरफ से हमला कर रही है क्योंकि वह दिल्ली में अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का हमला पहले कभी नहीं देखा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि ‘आप’ देश में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। यदि भाजपा को भविष्य में किसी से खतरा है तो वह ‘आप’ है और वे किसी भी तरह से ‘आप’ को कुचलना चाहते हैं।’’
(इनपुट-भाषा)