![पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यमुना में जल प्रदूषण के बारे में अपने बयानों के संबंध में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग को 14 पेज में अपना जवाब लिखित में दिया है। उन्होंने अपने बयान की विश्वसनीयता साबित करने वाले तथ्य भी प्रस्तुत किए हैं।
हरियाणा सरकार को आदेश देने की अपील की
दिल्ली के पूर्व केजरीवाल ने कहा कि मैं चुनाव आयोग से विनम्र निवेदन करता हूं कि वह सुरक्षित जल की उपलब्धता के प्रमुख मुद्दे पर हस्तक्षेप करे और हरियाणा सरकार को उचित निर्देश दे ताकि दिल्ली के नागरिकों को सुरक्षित मात्रा में जल उपलब्ध कराया जा सके।
यहां पढ़ें केजरीवाल द्वारा लिखा गया पूरा पत्र
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कही ये बातें
केजरीवाल ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि यमुना के पानी पर दी गई मेरी टिप्पणी दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में थी। यमुना के जल पर बयान गंभीर विषाक्तता और हरियाणा से मिलने वाले अशोधित पानी के संदूषण को सामने लाने के लिए दिया गया था। अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा कि तथ्य साबित करते हैं कि किसी भी कानून या किसी संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा से आने वाले अशोधित पानी में प्रदूषण इतना अधिक होता है कि दिल्ली के जल शोधन संयंत्र इसे सुरक्षित सीमा के भीतर ट्रीट करने में असमर्थ हैं। हरियाणा से हाल ही में आया पानी अत्यधिक दूषित और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जहरीला है।
चुनाव आयोग ने मांगा था केजरीवाल से जवाब
इससे पहले चुनाव आयोग ने मंगलवार को केजरीवाल से कहा कि वह पड़ोसी राज्य हरियाणा द्वारा यमुना नदी के पानी में जहर मिलाए जाने के अपने दावों के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करें। आयोग ने आप नेता को कानूनी प्रावधानों की याद दिलाई, जिसके तहत तीन साल तक के कारावास की सजा हो सकती है। केजरीवाल को लिखे पत्र में निर्वाचन आयोग ने यमुना नदी के पानी में ‘‘जहर’’ मिलाने के लिए इस्तेमाल किए गए रसायनों की प्रकृति और मात्रा की जानकारी बुधवार रात 8 बजे तक मांगी थी।