आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट करने वाले बिभव कुमार के केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया है। आइए जानते हैं कि दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ क्या दलीलें दी हैं।
जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे बिभव कुमार- दिल्ली पुलिस
अपने जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि बिभव कुमार सवालों के जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब मे कहा है कि बिभव कुमार गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि लंबे समय तक जेल में रहना जमानत का आधार नहीं बन सकता है।
बिभव कुमार ने मोबाइल फॉर्मेट किया- दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को दिए जवाब में कहा है कि बिभव कुमार ने अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया था, इस फोन में घटना के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है। जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस घटना ने सांसद स्वाति मालीवाल की मानसिक स्थिति पर काफी असर डाला, जिसके कारण उन्हें चार दिनों तक अपने घर में ही रहना पड़ा।
क्या है पूरा मामला?
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर सीएम के निजी सचिव बिभव कुमार ने उनसे बेरहमी से मारपीट की है। बिभव के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी, महिला पर हमला या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है।
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